- धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और उसका सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
वाशिंगटन । उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों से नेम प्लेट लगाने पर हुए विवाद की खबर अमेरिका तक पहुंच गई है। अब इस पर अमेरिका की भी प्रतिक्रिया आई है। अमेरिका ने कहा कि हम विश्व में सभी लोगों के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और उसका सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये प्रतिक्रिया अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी पत्रकार के पूछे गए सवाल का प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने इसका जवाब दिया।
पाकिस्तानी पत्रकार ने किया सवाल
पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल पर उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों के नाम लिखने के लिए दिए गए आदेश को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सवाल किया था। मैथ्यू मिलर ने जवाब दिया कि हमने इस बारे में रिपोर्ट्स देखी हैं। साथ ही हमने उन रिपोर्ट्स को भी देखा है जिसमें 22 जुलाई को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी है। इसलिए वह आदेश अभी प्रभावी नहीं है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
मैथ्यू मिलर ने कहा- हम विश्व में सभी लोगों के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और उसका सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे ये भी कहा कि सभी धर्म के लोगों के साथ समान व्यवहार को लेकर हमने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है।
क्या है मामला
बता दें कि सबसे पहले यूपी के मुजफ्फरनगर में प्रशासन ने कांवड़ रूट के सभी दुकानदारों से अपना नाम लिखने को कहा था। हिंदू ढाबा मालिकों से मुस्लिम कर्मचारियों को कांवड़ यात्रा तक न रखने को भी कहा गया। ये मामला तूल तब पकड़ा जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में ऐसा करने का आदेश दे दिया। पुलिस ने कांवड़ यात्रा के रूट पर सभी दुकानदारों से नेम प्लेट लगवाए। इसका जमकर विरोध भी हुआ। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। 22 जुलाई के सुनवाई में अदालत ने यूपी पुलिस के इस आदेश पर रोक लगा दी।