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- घर का बजट बनाने के लिए हमेशा फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह ली जाए। आप खुद भी अपने परिवार का बजट बना सकती हैं।
ज्यादातर घरों में महिलाएं ही परिवार की फाइनेंस मिनिस्टर होती हैं और परिवार की जरूरतों को उनसे बेहतर कोई दूसरा नहीं समझ सकता। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि घर का बजट बनाने के लिए हमेशा फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह ली जाए। आप खुद भी अपने परिवार का बजट बना सकती हैं। हां, इस दौरान अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आपके लिए बजट बनाना आसान हो जाएगा।
- सबसे पहले छोटे हिस्सों में होने वाले खर्च की एक छोटी लिस्ट बनाएं। मसलन महीने के राशन के अलावा फल-सब्जी, दूध, अंडे, बेकरी प्रोडक्ट्स, फ्रेशमेंट और इवनिंग स्नैक्स पर होने वाले अनुमानित खर्च की एक सूची बना लें।
- अब आप उन मदों की सूची बनाएं जहां आपको पैसे का भुगतान करना है। जैसे- बिजली, होम या कार लोन की किस्तें, बच्चों के स्कूल और ट्यूशन फीस, टीवी ब्रॉडबैंड कनेक्शन, इंटरनेट और फोन का बिल, घरेलू सहायकों का वेतन आदि। फिर इन सारे खर्च को जोड़ लें। इससे महीने की शुरुआत में आपको यह जानने में आसानी होगी कि आपको इस महीने अपनी आय का कितना हिस्सा हर हाल खर्च होगा ही।
- वैसी आकस्मिक जरूरतों की एक सूची जरूर बनाएं, जिन पर बीच में कभी भी खर्च करना पड़ता है। मसलन, मामूली बीमारियों के दौरान डॉक्टर की फीस और दवाओं, मेहमानों, घर और कार से जुड़ी छोटी-छोटी मरम्ममत पर होने वाला व्यय। मान लीजिए पूरे साल में अनुमानित रूप से होने वाले इस खर्च की कुल राशि 60,000 है तो इस 12 हिस्सों में बांट दें और हर महीने के बजट में 5000 रुपए ऐसे आकस्मिक खर्चों के लिए रखें। ध्यान रहे इसका इस्तेमाल किसी भी दूसरी जरूरत में नहीं होना चाहिए। अगर कभी किसी महीने कोई आकस्मिक जरूरत नहीं आई तो भी इस बचत राशि को अलग से सुरक्षित रखें।
- अपनी मासिक आय में प्रतिमाह कम से कम 5 प्रतिशत तक बचत जरूर करें और साल के अंत में इस राशि को किसी अच्छे प्लान में निवेश करें। इस बात का भी पूरा ध्यान रखें की उसका लॉकइन पीरियड बहुत लंबा न हो, जिससे आकस्मिक स्थिति में वहां बिना किसी नुकसान के अपनी जमा राशि वापस निकाल सकें। अगर महीने के अंत में आपको ऐसा लगता है कि आपसे ज्यादा खर्च हो गया है तो अगले महीने कुछ गैर जरूरी खर्चों में कटौती करते अपने उस नुकसान की भरपाई कर लें।