बॉक्स ऑफिस पर सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ ने धूम मचा रखी है। लोग फिल्म को खूब पसंद कर रहे हैं लेकिन हिंदू और भारत विरोधी ताकतों को फिल्म रास नहीं आ रही है। फिल्म का विरोध करने वाले उन तथ्यों पर आँख मूँद लेते हैं जो साबित करते हैं कि केरल लव जिहाद, धर्म परिवर्तन और आईएसआईएस में भर्ती कराने का केंद्र रहा है। कई लड़कियों को मुस्लिम युवकों ने सुनियोजित तरीके से बहला-फुसलाकर निकाह का झाँसा देकर इस्लाम कबूल कराया। बाद में उन्हें आईएसआईएस में शामिल होने या ‘आईएसआईएस ब्राइड्स’ बनने के लिए सीरिया भेज दिया।हालाँकि, धर्म परिवर्तन और आईएसआईएस के लिए गुलाम तैयार करने का यह खेल केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं रहा। इस रैकेट ने हिंदू पुरुषों को भी इस्लाम में धर्मांतरित किया। धर्म परिवर्तन के बाद हिंदू पुरुषों को भी मुस्लिमों के साथ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कराया गया। ऐसी सैकड़ों रिपोर्ट्स उपलब्ध हैं जो बताती हैं कि केरल के परिवर्तित या मूल मुस्लिम आतंकवादी संगठनों या दहशतगर्दाना गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।ऑप इंडिया की रिपोर्ट में तीन ऐसे हिंदू नौजवानों की कहानी है जिन्होंने आईएसआईएस में शामिल होने से पहले इस्लाम कबूला था। एनआईए के दस्तावेजों में दर्ज वे नाम हैं, ‘शंकर वेंकटेश पेरुमल उर्फ अली मुआविया, शैबु निहार वीके उर्फ अबू मरियम, और मदेश शंकर उर्फ अब्दुल्ला।
आईएसआईएस मॉड्यूल केस की जाँच कर रही एनआईए की टीम ने मार्च 2021 में केरल के 8 ज्ञात और कई अज्ञात लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया। जाँच के दौरान एनआईए को मोहम्मद अमीन उर्फ अबू याह्या के बारे में पता चला, जो राज्य में ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया’ की विचारधारा को फैलाने और युवाओं को कट्टर बनाने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा था। उनका काम नए सदस्यों की भर्ती करना भी था। एनआईए ने जाँच के दौरान तीन लोगों मोहम्मद अमीन, रहीस रशीद और मुशब अनवर को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर एनआईए की टीम ने 4 अगस्त 2021 को जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और केरल के पाँच अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे। रेड के दौरान एनआईए ने कश्मीर के श्रीनगर से ओबैद हामिद, बांदीपोरा से मुज़म्मिल हसन भट, मैंगलोर के उल्लाल से अम्मार अब्दुल रहमान और बैंगलोर से शंकर वेंकटेश पेरुमल (अली मुआविया) को गिरफ्तार किया।
शंकर वेंकटेश को अली मुआविया नाम इस्लाम अपनाने के बाद दिया गया। वह टेलीग्राम, हूप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आईएसआईएस के कट्टर जिहादी विचार धारा को फैलाने वाले समूह का हिस्सा था। जहाँ लोगों का ब्रेनवॉश कर कट्टरपंथी बनाया जाता और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल कराया जाता था।
शैबु निहार वीके (अबू मरियम) को एनआईए ने 9 अप्रैल 2019 को केरल के कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। वह कतर के दोहा से भारत लौटा था। गिरफ्तारी से पहले अबू मरियम बहरीन में एक विज्ञापन एजेंसी चला रहा था। यह गिरफ्तारी आईएसआईएस के वंदूर मॉड्यूल मामले में की गई थी। मामले में 8 लोगों को यूएपीए के तहत आरोपित बनाया गया था।
मदेश शंकर, मोहम्मद अमीन (अबू याह्या) के ही साथियों में से एक था। जाँच के दौरान यह पता चला कि अमीन एक परिवर्तित मुस्लिम दीप्ति मारला के संपर्क में था। दीप्ति ने मैंगलोर के अनस अब्दुल रहमान से निकाह किया था। मारला अपनी पढ़ाई के लिए 2015 में दुबई गई थी। दुबई में उसकी मुलाकात मिज़ा सिद्दीकी से हुई। जिसके बाद दोनों ने आईएसआईएस में शामिल होने की ठानी।
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