विपक्षी गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवार पर की गई टिप्पणियों को भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी मुद्दा बना लिया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं भाजपा का चुनावी गीत ‘मैं मोदी का परिवार हूं’ को लोकार्पित किया। उन्होंने भारत को अपना परिवार बताया है। नि:संदेह, प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों को अपना परिजन मानते हैं। जबसे उनकी माँ का देहावसान हुआ है, तब से वे अपने भाषणों की शुरुआत ‘मेरे परिवारजनों’ से संबोधित कर रहे हैं। संभवत: इस कारण भी देश की जनता सीधे प्रधानमंत्री से आत्मीय जुड़ाव महसूस करती है। भाजपा के चुनावी गीत को देश के नागरिकों ने बढ़ी संख्या में अपने सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया है। हम सोशल मीडिया की भाषा में कहें तो यह गीत ‘वायरल’ हो गया है। ‘मोदी के परिवार’ के साथ जिस प्रकार लोग जुड़ रहे हैं, वे लोकसभा चुनाव का स्पष्ट रूझान दे रहे हैं। याद हो, इससे पहले भाजपा नेताओं एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों ने भी अपने सोशल मीडिया परिचय में ‘मोदी का परिवार’ को जोड़ा है। चुनावी गीत के लोकप्रिय होने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी का यह अभियान सीधे लोगों से जुड़ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो 3 मिनट 13 सेकेंड का है। इस वीडियो में मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया गया है। वीडियो में देश के हर कोने के साथ ही राम मंदिर सहित उनके अन्य कार्यों की झलकियों को भी शामिल किया गया है। वैसे तो गीत मुख्यत: हिंदी में है, लेकिन ‘मैं मोदी का परिवार हूं’ के बोल हिंदी के साथ पंजाबी, गुजराती, तमिल सहित 11 अन्य भाषाओं में होने के कारण संपूर्ण देश को अपने साथ जोड़ रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी की विशेषता है कि वे विपक्ष की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को इस प्रकार देश के सामने रखते हैं कि विपक्ष पस्त हो जाता है। यह कहने में गुरेज नहीं कि आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव के बयान ने समूचे विपक्ष का अच्छा खासा नुकसान करा दिया है। इसमें केवल लालू प्रसाद यादव का दोष नहीं है अपितु मोदी के प्रति नफरत की भावना रखने के कारण अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी लालू प्रसाद के विवादित बयान पर चुप्पी साधने की जगह, उस पर प्रतिकूल टिप्पणी की। 2019 के चुनाव में जिस प्रकार कांग्रेस की नैया ‘चौकीदार चोर है’ जैसे बयान ने डुबाई थी, वहीं इस बार ‘मोदी का परिवार’ विपक्ष को सबक दे सकता है। याद हो कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को विपक्ष के एक आरोप ‘चौकीदार चोर है’ का भारी लाभ मिला था, तब भाजपा ने ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान चलाया था। उसी तरह वर्ष 2024 के आम चुनाव से पूर्व ‘मोदी का परिवार’ अभियान शुरू कर दिया है, जिसका भाजपा को भरपूर लाभ मिल सकता है। विपक्षी दलों के नेताओं के विवादित बयानों के कारण भाजपा न केवल 370 सीटों के लक्ष्य को हासिल कर सकती है, बल्कि उनका गठबंधन 400 से पार भी जा सकता है। निश्चित ही चुनाव का समय बहुत संवेदनशील होता है, जिसमें विवादित एवं व्यक्तिगत बयानों से बचना जरूरी होता है। चुनाव आयोग ने भी आग्रह किया है कि नेताओं को व्यक्तिगत हमलों एवं विवादित बयानों से बचना चाहिए। विशेषतः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी चुनावी रणनीति से भड़के कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव एवं विपक्षी दलों के नेता अपनी जुबान संभाल नहीं पा रहे। जैसे-जैसे मोदी एवं भाजपा का चुनावी अभियान तीक्ष्ण, उग्र एवं नियोजित होता जा रहा है, वैसे-वैसे उनके प्रति विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। बहरहाल, चुनावी गीत के जरिए प्रधानमंत्री के जवाब ने बता दिया कि मजबूत सत्ता पक्ष के सामने बिखरे हुए विपक्ष की मंजिल अभी दूर है।
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