तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतने आत्मविश्वास से क्यों भरे हुए हैं, उसका उत्तर है- उनकी सरकार के प्रति जनता का भरोसा। जनता के इसी भरोसे की झलक हाल में आए विभिन्न निर्वाचन संबंधी पूर्वानुमानों (ओपिनियन पोल) में दिखायी देती है। सभी संस्थाओं के सर्वेक्षण में एक बात स्पष्ट तौर पर निकलकर आ रही है कि 2024 में एक बार फिर मोदी सरकार बन रही है। भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन को स्पष्ट और बड़ा जनादेश मिलता हुआ दिखायी दे रहा है। देश के कई राज्यों में भाजपा एक बार फिर विपक्ष की सफाई करती नजर आ रही है। विशेषकर जहाँ उसका मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस से है, उन राज्यों में कांग्रेस का खाता खुलना भी कठिन दिख रहा है। गुजरात, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने जा रही है। वहीं, ओडीशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्रा, महाराष्ट्र और बिहार जैसे प्रदेशों में वह पहले से बेहतर प्रदर्शन करती दिखायी दे रही है। इस पूर्वानुमान को देखकर यह भी कहा जा सकता है कि भाजपा अब केवल उत्तर भारत की पार्टी नहीं रही है। यह ठीक बात है कि उसे भारत के दक्षिणी हिस्से के सभी राज्यों में बहुत सफलता नहीं मिल रही है लेकिन कुछ राज्यों में उसने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है, जैसे कर्नाटक, आंध्र और तेलंगाना। जिस प्रकार के रुझान मिल रहे हैं, उनको देखकर भले ही तमिलनाडु से भाजपा को अपेक्षित परिणाम मिलता नहीं दिख रहा है लेकिन अंदरखाने तमिलनाडु को लेकर भाजपा में उम्मीद की एक लहर है। भाजपा दक्षिण के उन राज्यों में भी अपना खाता खोल सकती है, जिन राज्यों में अभी तक उसकी एक भी सीट नहीं आई है। मत प्रतिशत के मामले में तो यह कहा ही जा सकता है कि भारत के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी हिस्से तक और पश्चिम से लेकर पूर्व तक भाजपा अपना प्रभाव जमाते हुए दिखायी दे रही है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भाजपा ने इस बार जीत का बड़ा लक्ष्य लिया है। पार्टी ने भाजपा के लिए 370 सीटें और अपने गठबंधन राजग के लिए 400 पार का कठिन लक्ष्य सामने रखा है। भारतीय राजनीति में एक दशक पूर्व जिस प्रकार की स्थितियां बन गई थीं, उसके आधार पर आकलन करेंगे तो यह लक्ष्य असंभव प्रतीत होता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी नाम के ब्रांड ने पिछले 10 वर्षों में भारत में नया राजनीतिक वातावरण बनाया है, जिसमें यह लक्ष्य असंभव नहीं है। जिस प्रकार से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों के प्रति जनता का विश्वास है, उसे देखकर फिलहाल अनुमान लगाने और विश्लेषण करने का कार्य ही किया जा सकता है। वास्तविक परिणाम क्या रहेगा, यह तो आनेवाले समय में जनता अपने मताधिकार के प्रयोग से बता ही देगी। विभिन्न संस्थाओं के सर्वेक्षण से प्राप्त रुझानों से निश्चित ही भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा और वे अधिक ऊर्जा के साथ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रयत्न करेंगे। यह पूर्वानुमान कांग्रेस के लिए भी सबक हैं कि उसे अपनी नकारात्मक और अंध विरोध की राजनीति छोड़कर जनता के मन को समझना चाहिए और जनता के बीच के मुद्दों को उठाना चाहिए। वर्तमान समय में कांग्रेस जिन मुद्दों पर बात कर रही है, आम जनता का उनसे कोई सरोकार नहीं है।
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