राजनीतिक बदलाव और शुचिता के सपने दिखाकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के साथ ऐसे विवादों की शृंखला जुड़ गई है, जो उसे अन्य राजनीतिक दलों से भी पीछे पहुंचा देती है। अभी नवीनतम प्रकरण मुख्यमंत्री के आवास पर महिला नेता के साथ मारपीट और बदसलूकी का है। यह कोई साधारण महिला नेता के साथ हुआ घटनाक्रम नहीं है अपितु राज्यसभा सांसद का मामला है। सांसद स्वाति मालीवाल पार्टी की समर्पित नेता हैं। जरा सोचिए, आम आदमी पार्टी में किस प्रकार का वातावरण है कि एक समर्पित नेता एवं राज्यसभा सांसद ही सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार को इतनी ताकत कहाँ से मिली होगी कि उन्होंने स्वाती मालीवाल जैसी वरिष्ठ नेता के साथ बदसलूकी करने का दुस्साहस दिखाया? यह एक गंभीर मामला है, इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए। पहले तो इस घटना पर पर्दा डालने का प्रयास हुआ लेकिन स्वाती मालीवाल द्वारा की गई शिकायत के बाद मामला हाथ से निकल गया, तब आआपा की ओर से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लीपा-पोती करने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सामने आकर माफी माँगनी चाहिए। उनके आवास पर, उनके ही निजी सचिव ने एक महिला नेता का अपमान किया है। संजय सिंह ने कहा है कि “यह बहुत ही निंदनीय घटना है। पार्टी ने इस मामले में संज्ञान लिया है। हम कठोर कार्रवाई करेंगे”। देखना होगा कि दुनियाभर में महिलाओं के सम्मान की बात करनेवाले अरविंद केजरीवाल अपने ही घर में महिला सांसद के साथ हुई मारपीट के मामले में कब तक कठोर कार्रवाई करते हैं? फिलहाल तो उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। मुख्यमंत्री केजरीवाल की चुप्पी ही बहुत सारी कहानियों को जन्म दे रही है। उल्लेखनीय है स्वाती मालीवाल के साथ अभद्रता करनेवाले विभव कुमार और मुख्यमंत्री केजरीवाल की दोस्ती वर्षों पुरानी है। साल 2015 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बने विभव कुमार लंबे समय से उनके साथ हैं। देखना होगा कि मुख्यमंत्री अपने मित्र को बचाते हैं या महिला के सम्मान में न्यायपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं? याद रखें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर मारपीट का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वर्ष 2018 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को मुख्यमंत्री आवास पर पीटा जा चुका है। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, विधायक अमानतुल्लाह खान सहित 12 लोगों के विरुद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में आईएएस अंशु प्रकाश ने कहा था उन्हें विज्ञापन से संबंधित एक बैठक में बुलाया गया था। इसी बैठक में विधायक अमानतुल्लाह खान समेत अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की थी। न्यायालय ने इस मामले में अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल को दोषी ठहराया था जबकि बाकी सभी लोगों को बरी कर दिया था। यह दो प्रकरण बताते हैं कि आआपा ने एक अलग प्रकार का कार्य वातावरण बना दिया है, जहाँ कोई भी सुरक्षित नहीं है। प्रशासनिक अधिकारी से लेकर राज्यसभा सांसद तक के साथ मुख्यमंत्री आवास पर मारपीट की जा सकती है। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है। यह एक तरह की अराजकता है। स्मरण रहे कि अरविंद केजरीवाल एवं उनकी पार्टी पर पूर्व में अराजकता बढ़ावा देने के आरोप भी लगते रहे हैं।
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