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गरीब, युवा, महिला और किसान को समर्पित बजट

जैसा कि माना जाना जा रहा था कि केंद्र सरकार परंपरा का ध्यान रखते हुए किसी प्रकार की लोकलुभावन योजनाओं एवं बजट प्रावधानों की घोषणा अंतरिम बजट में करने से बचेगी, वैसा ही हुआ भी। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देनेवाले अपने बजट पर ‘चुनावी बजट’ का ठप्पा लगवाने से भी सरकार बचती दी। स्मरण रखें कि अंतरिम बजट संसद में प्रस्तुत करने से पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एवं अन्य मंत्रियों ने कहा था कि चुनाव नजदीक होने के कारण हम अंतरिम बजट की उस परंपरा को नहीं तोड़ेंगे, जिसमें बड़े प्रावधान नहीं किए जाते हैं। बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री ने कहा भी, ‘हमने अंतरिम बजट की परंपरा को जारी रखा है। यही वजह है कि सरकार ने किसी तरह की घोषणाएं करने से परहेज किया’। परंतु ऐसा भी नहीं है कि सरकार ने एकदम से रुखा बजट प्रस्तुत किया हो। आयकर में छूट के मुद्दे को छोड़ दें तो सरकार ने लगभग सभी वर्गों को ध्यान में रखकर आर्थिक प्रावधान किए हैं और यह भी कहा है कि उनकी सरकार चुनाव बाद जुलाई में पूर्ण बजट लेकर आएगी। पिछले दिनों जब विधानसभा चुनावों से पूर्व जातीय जनगणना को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब, महिलाएं, किसान एवं युवा, चार वर्गों का उल्लेख किया था। अंतरिम बजट में इन चारों क्षेत्रों का पूरा ध्यान रखा गया है। एक तरह से मोदी सरकार ने आकांक्षावान वर्गों का ध्यान प्राथमिकता के आधार पर रखा है। गरीबी उन्मूलन के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि लगभग एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनीं। अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। महिलाओं को सशक्त बनाने का अर्थ है, परिवार को सशक्त बनाना। उल्लेखनीय है कि जन-धन बैंक खातों के माध्यम से भी सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया है। सरकार की नीतियों के कारण पिछले एक दशक में 25 करोड़ लोग गरीबी के अभिशाप से मुक्त हुए हैं। सरकार ने मझले किसानों को भी आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत सरकार ने 11.8 करोड़ छोटे किसानों को सीधे आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी है। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार किसान सम्मान निधि की राशि में बढ़ोतरी करेगी। अंतरिम बजट के माध्यम से सरकार ने युवाओं को भी साधने का प्रयत्न किया है। अंतरिम बजट में तीन हजार नए आईटीआई खोले जाने का प्रावधान किया गया है। आईटीआई के माध्यम से पिछले वर्ष में 1.4 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। युवाओं को मोदी सरकार के बजट से बहुत उम्मीद थीं। बजट के अन्य प्रावधानों को देखकर हम कह सकते हैं कि यह बहुत हद तक युवाओं की आकांक्षाओं को पंख देने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अंतरिम बजट को समावेशी और नवोन्वेषी बताते हुए कहा कि इसमें निरंतरता का भरोसा है। यह विकसित भारत के सभी 4 स्तंभों- युवा, गरीब, महिला और किसान को सशक्त बनाएगा। यह बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि इस बजट में युवा भारत की युवा आकांक्षाओं की झलक है। बजट में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। शोध और नवाचार के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की गई है। बहरहाल, हम कह सकते हैं कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में परंपरा का पालन भी किया और भारत की आकांक्षाओं को बल भी दिया। आशानुरूप यह एक संतुलित बजट था।

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