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किसानों को सौगात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार अनेक अवसरों पर यह संदेश देने का कार्य करती है कि देश के किसान सरकार की प्राथमिकता में हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए खरीफ मौसम की 14 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है। सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। देशभर के किसानों को खरीफ की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की बेसब्री से प्रतीक्षा थी। सरकार ने किसानों की भावनाओं एवं आवश्यकताओं को समझते हुए उचित समय पर एमएसपी में वृद्धि कर सराहनीय कार्य किया है। मोदी सरकार किसानों को महत्व देती है, उसका यह इकलौता उदाहरण नहीं है। याद हो कि तीसरी बार सरकार में आने और प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले जिस फाइल पर हस्ताक्षर किए, वह किसानों के हितों से ही जुड़ी हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान निधि के तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी की थी। बीते दिनों केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात को दोहराया था कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों की स्थिति को लगातार बेहतर करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। उनका संकल्प है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी बहनों को लखपति बहनें बनाना है। श्री चौहान ने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय हो चुकी है। बहरहाल, यह ठीक बात है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार प्रतिवर्ष एमएसपी तय करती है। लेकिन यह निर्णय समय पर और अपेक्षा के अनुरूप करना, यह किसानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार ने अभी जो एमएसपी की नई दरें जारी की हैं वे वर्ष 2024-25 के लिए जारी की गई हैं। धान के एमएसपी में प्रति क्विंटल 117 रुपये वृद्धि गई है। अब किसान अपना धान 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच सकते हैं। इसके साथ ही कपास में 501, रामतिल में 983, सोयाबीन में 292 और मूंगफली में 406 के साथ इस बार दालों की एमएसपी में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि की सिफारिश तिलहन एवं दालों के लिए की गई है। एमएसपी में वृद्ध का बोझ सरकारी खजाने पर भी आएगा लेकिन मोदी सरकार की नीतियां इस प्रकार की हैं कि वह संतुलन साध लेगी। किसानों को उनके परिश्रम का उचित मूल्य दिलाने की इस कवायद में दो लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपये ज्यादा होगा। वर्ष 2004-14 की तुलना करें तो मोदी के कार्यकाल में हर फसल पर ज्यादा खरीद की गई। इसका सीधा लाभ किसानों को मिलता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पिछले दो कार्यकाल में किसानों की पैदावार बढ़ाने एवं उनकी पैदावार को सुरक्षित रखने के उपयों को बढ़ावा देकर, पैदावार को खरीदना भी सुनिश्चित किया है। पैदावार अधिक होने से कई बार उचित दाम मिलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इस सरकार ने किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की गारंटी दी है।

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