जिस राज्य से कभी अलगाववाद की आवाजें आती थीं और अशांति थी, वही जम्मू-कश्मीर अब विकास की नयी कहानियां लिख रहा है। जम्मू-कश्मीर में परिवर्तन की जो बयार बह रही है, उससे स्थानीय मुस्लिम समुदाय भी सुकून महसूस कर रहा है। अनेक अवसरों पर जम्मू-कश्मीर के नागरिकों ने खुलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की है कि उनके प्रयासों से अलग-थलग पड़ा रहने वाला राज्य आज मुख्यधारा में शामिल हो गया। पिछले दस वर्षों में जम्मू-कश्मीर में तेजी से विकास हो रहा है। विशेषकर, विवादित अनुच्छेद-370 एवं 35 ए के निष्प्रभावी होने के बाद से दुनियाभर से निवेश आ रहा है। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। पत्थरबाजी की घटनाएं पूरी तरह रुक गई हैं। आतंकवाद के वित्त पोषण पर भी कठोर कार्रवाई की गई है। इसलिए अलगाववाद की दुकान चलाने वालों के अरमान भी ठंडे पड़ गए हैं। भारत विरोधी राजनीति के सुर भी मंद पड़ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 32 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करके नये जम्मू-कश्मीर की एक झलक सबके सामने प्रस्तुत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण में कहा है कि उन्होंने विकसित जम्मू-कश्मीर का संकल्प लिया है और इसे विकसित बनाकर ही रहेंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी जो संकल्प लेते हैं, उसे पूरा करके ही मानते हैं। भाजपा कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने कभी संकल्प लिया था कि जम्मू-कश्मीर से अलगाववादी अनुच्छेद-370 को समाप्त करेंगे। जब जनता का भरपूर जनादेश मिला तो प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार ने उस संकल्प को पूरा करके दिखा दिया। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प पर आज की तिथि में संदेह करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने एक-एक घोषणाओं को पूरा करके जो विश्वास अर्जित किया है, वही उनकी ताकत है। नि:संदेह, जम्मू-कश्मीर में अभी जो विकास दिख रहा है, आने वाले समय में वह और अधिक होगा। एक समय था जब यह सोचना कठिन था कि जम्मू–कश्मीर में वह सुख–शांति लौटेगी, जो किसी दौर में जम्मू–कश्मीर की पहचान थी। लेकिन अब वह असंभव–सा दिखने वाला विचार साकार होते दिख रहा है। मोदी सरकार धरती के स्वर्ग कहे जाने वाले राज्य को बम, बंदूक, अपहरण, अलगाव के दौर से बाहर निकालकर लाई है। हम सब जानते हैं कि जम्मू–कश्मीर को दुर्भाग्य के हाथों छोड़ दिया गया था लेकिन आज कश्मीर बदल गया है। कश्मीर में दशकों तक परिवारवाद की राजनीति रही है। परिवारवाद की राजनीति करनेवालों ने सिर्फ अपना स्वार्थ देखा है, राज्य के नागरिकों के हितों की चिंता नहीं की है। जबकि मोदी सरकार ने अनेक प्रकार की भीषण चुनौतियों को दरकिनार करते हुए नागरिकों के हित में साहसिक निर्णय लिए। जम्मू–कश्मीर में आज जो सुखद परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं, उसके लिए केंद्र सरकार को अनेक मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ा है। लेकिन संकल्प था जम्मू–कश्मीर को मुख्यधारा में लाकर उसे देश के विकास से जोड़ने का, इसलिए मोदी सरकार ने आगे बढ़कर चुनौतियों को स्वीकार किया। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि जब सरकार संवेदनशील और लोगों की भावनाएं समझने वाली हो तो समाज और देशहित में तेज गति से कार्य होते हैं। आज जम्मू–कश्मीर ही नहीं अपितु सम्पूर्ण देश को एक विश्वास है कि हम विकास की संस्कृति गढ़ रहे हैं।
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