राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संसदीय समिति की बैठक के बाद उन सभी प्रश्नों का उत्तर मिल गया है कि जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार और तेदपी के चंद्रबाबू नायडू भाजपा को छोड़कर कहीं और नहीं जा रहे हैं। यह भी स्पष्ट हो गया है कि 9 जून को शाम छह बजे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। राजग के सभी घटक दलों ने एकमत से राजनाथ सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। सबसे महत्वपूर्ण वक्तव्य नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के रहे क्योंकि उसकी निगाहें उनकी ओर ही थीं। आज कांग्रेस और इंडी गठबंधन में भी काफी हलचल हो रही थी। उस ओर से भी यही कहा जा रहा था कि उनकी नजर नीतीश बाबू और नायडू के व्यवहार पर रहेगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि “नरेन्द्र मोदी 10 साल से प्रधानमंत्री हैं और फिर प्रधानमंत्री होने जा रहे हैं। हमलोग पूरे तौर पर सब दिन इनके साथ रहेंगे। अगली बार जब आइएगा तो न इस बार हम देखे हैं कि कुछ इधर-उधर जीत गया है अगली बार वो सब हारेगा”। नीतीश कुमार के इस बयान ने विपक्षी गठबंधन के सपनों पर तुषारपात कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों को भी स्मरण रखना चाहिए कि इंडी गठबंधन को आकार देने में नीतीश कुमार की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है लेकिन जब गठबंधन जमीन पर दिखने लगा तो कांग्रेस ने उस पर कब्जा कर लिया और नीतीश कुमार को बुरी तरह अनदेखा किया गया। इंडी गठबंधन के नाम को लेकर भी नीतीश बाबू ने घोर असहमति दर्ज करायी थी। आमजन ने भी यही माना कि विपक्षी गठबंधन का नामकरण एक प्रकार से राजनीतिक छल-प्रपंच था। बहरहाल, नीतीश कुमार के तेवर बता रहे हैं कि वे इस बार इधर-उधर होने की अपनी छवि को मिटाना चाहते हैं। कांग्रेस और आरजेडी के साथ जाकर उन्हें यह बात ध्यान आ गई है कि उनकी विकास पुरुष की छवि भाजपा के साथ रहने पर ही बनी थी। बिहार के लिए कुछ अच्छा करने का अवसर उन्हें भाजपा के साथ ही मिल सकता है। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति विश्वास जताते हुए इसी प्रकार के भाव चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा है कि “नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। उनके नेतृत्व में भारत एक वैश्विक शक्ति बनकर उभरा है। नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास, विकसित भारत और एनडीए की सामूहिक सोच के साथ हम भारत को गरीबी मुक्त देश बना सकते हैं”। यह कहने में कोई संकोच नहीं कि भारत ने पिछले दस वर्षों में जिस प्रकार से वैश्विक स्तर पर अपनी साख बनायी है, वह बहुत महत्व रखती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था ने गति के साथ मजबूती भी पकड़ी है। आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। यह छोटी बात नहीं है। नायडू को पता है कि आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर जो सपना उन्होंने देखा है, प्रधानमंत्री मोदी के साथ रहकर ही उसे पूरा किया जा सकता है। गठबंधन के अन्य घटक दलों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के प्रति विश्वास प्रकट किया है। बहरहाल, केंद्र में एक बार फिर राष्ट्र के विकास को समर्पित सरकार देखने को मिलेगी। उम्मीद है कि अगले पाँच वर्ष तक भारत में स्थायी और मजबूत सरकार रहेगी।
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