मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यह मानने लगे हैं कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ती है। भाजपा को मिली प्रचंड जीत के आधार पर कांग्रेस यह भी मान रही है कि लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भाजपा के पक्ष में हवा बह रही है। यह बात कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने समाचार संस्था को दिए साक्षात्कार में कही हैं। पी. चिदंबरम जो कह रहे हैं, उसे कांग्रेस के अन्य नेता भी भीतर ही भीतर स्वीकार भी करते हैं लेकिन शीर्ष नेतृत्व के डरकर स्पष्ट सच को कह नहीं पाते हैं या फिर अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए ईवीएम जैसे बहाने बनाते हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह यही करते नजर आ रहे हैं। पराजय का ईमानदारी से विश्लेषण करने की बजाय इधर-उधर की बातों में कार्यकर्ताओं को उलझाने से कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होनेवाला है। हालांकि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अवश्य ही कुछ चिंतन-मनन किया है, जिसके परिणामस्वरूप तीनों ही राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन कर दिया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत की भविष्यवाणी करने वाले सर्वेक्षणों पर कहा कि “हवा भाजपा के पाले में है, लेकिन हवाएं दिशा बदल सकती हैं। भाजपा कभी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेती है। वह ऐसे लड़ती है जैसे कि यह आखिरी लड़ाई हो। विपक्षी दलों को ऐसा करना चाहिए”। चिदंबरम की यह बात बहुत हद तक सच है। साफ तौर पर दिखायी देता है कि वर्तमान में देश में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बना हुआ है। आज की तिथि में कोई यह नहीं कह सकता कि 2024 के मुकाबले में कांग्रेस कहीं भी भाजपा के सामने टिक पाएगी। भाजपा के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिखायी दे रहा है। आश्चर्य नहीं होगा यदि भाजपा के दावे के अनुरूप उसे 2024 में 400 के आस-पास सीटें मिल जाएं। चिदंबरम ने यह भी माना है कि विधानसभा चुनावों में मिली बड़ी जीत भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करेगी। नि:संदेह, इस समय भाजपा कार्यकर्ता उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। वे अपनी पूरी ऊर्जा के साथ समाज के बीच सक्रिय हैं, जिसका अच्छा परिणाम लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्राप्त होने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। स्वाभाविक ही है कि पराजय के बाद किसी भी व्यक्ति का जोश ठंडा पड़ जाता है। बहरहाल, कांग्रेस ने नेता चिदंबरम ने यह भी ठीक ही कहा कि भाजपा प्रत्येक चुनाव को गंभीरता से लड़ती है। भाजपा प्रत्येक चुनाव में अपना सर्वस्व झौंक देती है। तेलंगाना, इसका उदाहरण है। भाजपा भी जानती थी कि वहाँ उसके पक्ष में परिणाम नहीं आएगा लेकिन चुनाव प्रचार इस स्तर का था कि तेलंगाना से बाहर प्रत्येक व्यक्ति को यही लग रहा था कि इस बार तेलंगाना में चमत्कार हो सकता है। जिन तीन राज्यों में भाजपा को प्रचंड विजय मिली है, वहाँ भी भाजपा के स्थानीय नेतृत्व से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक ने एकजुट होकर खूब पसीना बहाया। प्रधानमंत्री मोदी ने जितनी सभाएं एवं रैलियां की, उतना परिश्रम कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मिलकर भी नहीं किया। बहरहाल, कांग्रेस माने या न माने लेकिन सच यही है कि देश में भाजपा एवं मोदी के पक्ष में एक विश्वास बना हुआ है।
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