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- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी ब्रिटिश भागीदार बीपी के केजी गैस ब्लॉक की नीलामी में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को आधा हिस्सा मिला है।
नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी ब्रिटिश सहयोगी कंपनी बीपी के केजी गैस ब्लॉक से निकलने वाली गैस की बोली में करीब आधा हिस्सा हासिल किया है। आपको बता दें कि नेचुरल गैस का इस्तेमाल बिजली और उर्वरक उत्पादन में काम आता है। इसके साथ इसे गाड़ी के ईंधन और रसोई की गैस यानी एलपीजी में बदल दिया जाता है। पिछले महीने ईंधन की नीलामी में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने 2.5 मिलीयन स्टेंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस हासिल की है। इस नीलामी में 50 लाख घनमीटर गैस रखी गई थी। रिलायंस-बीपी की पिछली पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 ब्लॉक की गैस की नीलामी में भी आईओसी ने सबसे ज्यादा गैस के लिए बोली लगाई थी। शहर गैस वितरण कंपनियों में गेल गैस लिमिटेड, महानगर गैस लिमिटेट, टॉरेंट गैस, अडाणी गैस लिमिटेड और हरियाणा सिटी गैस ने कुल मिलाकर पांच लाख घनमीटर प्रतिदिन की गैस के लिए बोली लगाई है। ये कंपनियां इस गैस को सीएनजी और पीएनजी में बदलती हैं। पीएनजी गैस रसोई में इस्तेमाल होती है। स्टेट गैस यूटिलिटी गेल और रिफाइनर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को 0.6 एमएमएससीएमडी मिला, जबकि गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्प (जीएसपीसी) को 0.5 एमएमएससीएमडी और शेल को 0.2 एमएमएससीएमडी मिला। रिलायंस-बीपी ने दो साल पहले बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र में पड़े केजी-डी6 ब्लॉक में दूसरे दौर की खोजों से उत्पादन शुरू किया। इससे घरेलू गैस की आपूर्ति कम हो रही है। रिलायंस-बीपी ने ताजा नीलामी में 1 जून से 3 साल की अवधि के लिए 50 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस की पेशकश की थी। ये निलामी 19 मई से शुरू होकर 23 मई को खत्म हुई थी। अप्रैल में रिलायंस-बीपी ने करीब 60 लाख घनमीटर प्रतिदिन गैस की नीलामी की थी। 12 अप्रैल को इस ई-निलामी का आधा हिस्सा ओईओसी को मिला था। वहीं गेल को 7 लाख घनमीटर का हिस्सा मिला था। अडाणी-टोटल गैस को 4 लाख घनमीटर, शेल को 5 लाख घनमीटर, जीएसपीसी को 2.5 लाख घनमीटर और आईजीएस को 5 लाख घनमीटर गैस मिली थी।