117
- सर्बानंद सोनोवाल
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की विषय वस्तु ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ है, और यह विषय वस्तु् समग्र रूप से एक स्वस्थ, आनंदमय, शांतिपूर्ण और शक्ति युक्त दुनिया बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) से जुड़े सभी लोगों के निरंतर, निर्भीक और स्थायी प्रयासों पर प्रकाश डालती है। योग सकारात्मरक ऊर्जा लाता है, और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ दुनिया को एक बड़े परिवार के रूप में देखना और मानना है। इस तरह से देखा जाए तो भारत की प्राचीन पारंपरिक प्रथा-योग, प्राचीन काल की प्रार्थना :‘सर्वे भवन्तु’ सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामय’ (सभी सुखी हों और सभी रोगमुक्त हों’)को साकार करने के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा शक्ति बन जाती है।
शुरुआत में, मैं दोहराना चाहता हूं कि आयुष ने कुल मिलाकर पिछले 9 वर्षों में जबरदस्त प्रगति की है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पना, दूरदर्शिता और भारत की परंपराओं की गहरी समझ है जिसने आयुष को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। जन-साधारण की सेवा के प्रति उनकी स्थिर प्रतिबद्धता और भारत को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते देखने की इच्छा के परिणामस्वरूप हर साल दुनिया भर में आईडीवाई मनाया जाता है जिसमें हर वर्ष भाग लेने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने बहुत पहले2014 में, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के समक्ष हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव देते हुए वैश्विक कल्याण और समग्र स्वास्थ्य का ‘मंत्र’ दिया था। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने तब सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और अब दुनिया इसे पूरे मन से अपना रही है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ एक दिन का विषय नहीं है। यह एक ऐसी विषय वस्तु। है जिस पर अच्छी तरह से विचार किया गया है, चर्चा की गई है, कई लोगों द्वारा प्रतिबिंबित किया गया है और हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी कल्पना की है। जी20 राष्ट्रों और एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के सदस्य देशों के प्रतिनिधि और एससीओके भागीदार भी योग को बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल भारत में योगाभ्यास करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, जैसा कि हम इसे अभी देख रहे हैं, सामूहिक तौर पर योग की बढ़ती स्वीकार्यता है। सम्पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण के साथ भारत सरकार का प्रत्येक मंत्रालय और सभी हितधारक तालमेल से काम कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भारतीय दूतावासों, विदेशों में भारतीय मिशनों और दुनिया भर में वाणिज्य दूतावासों को प्रोत्साहित करता है।यह वैश्विक समुदाय के बीच योग को बढ़ावा देता है और भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत करता है।इसी प्रकार अन्य मंत्रालय भी अपनी सापेक्ष शक्ति के क्षेत्र में कार्य करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की विषय वस्तु की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए, सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचने का होगा। पिछले साल हमने इस उद्देश्य के लिए ‘गार्जियन रिंग ऑफ योग’ किया था। इस साल हम ‘ओशन रिंग’ के रूप में, और प्राइम मेरिडियन लाइन पर या उसके पास पड़ने वाले ‘आर्कटिक से अंटार्कटिका देशों तक’ योग प्रदर्शन कर रहे हैं। 21 जून को ये दो विचार न केवल वैश्विक समुदायों की भागीदारी बढ़ाएंगे, बल्कि यह भी प्रदर्शित करेंगे कि योग जीवन को बनाए रखने वाली शक्ति है, चाहे स्थिति या स्थान कोई भी हो। योग उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र, हिमाद्रि- स्वालबार्ड, आर्कटिक में भारतीय अनुसंधान केन्द्र; और भारती- अंटार्कटिका में तीसरा भारतीय अनुसंधान केन्द्र में भी होगा। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 समारोह में हर तबके, वर्ग, समूहों को शामिल करने के लिए हमारे देश में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। योग भारतमाला बनाई जाएगी, जिसमें भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक बल और सीमा सड़क संगठनकी भागीदारी देखने को मिलेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अमृत सरोवर भी इस वर्ष के समारोह का हिस्सा होंगे। शिक्षा मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ भारत सरकार के अन्य प्रमुख मंत्रालय भी इस उत्सव का हिस्सा हैं। यह पूरे सरकार के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। यह विचार स्पष्ट रूप से यह दिखाता है कि आईडीवाई हर किसी के लिए उत्सव है और हम में से प्रत्येक को अपनी भूमिका निभानी है। ग्रामीण स्तर पर सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और इसके लिए सामान्य सेवा केन्द्रों को भी जोड़ा गया है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष स्वास्थ्य और सम्पूर्ण स्वास्थ्य केन्द्र भी सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।