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- डॉ. मनमोहन प्रकाश
पिछले लगभग कुछ दशकों में चीन में कुछ ऐसी नयी बीमारियों का उदय हुआ है जो विश्व के अन्य देशों में विस्तार पा कर मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी हैं और बड़ी संख्या में मृत्यु का कारण भी। 1996 में ‘हैनान एवियन फ्लू’ नामक बीमारी का चीन के हैनान प्रांत में जन्म हुआ। इसे एच 7,एच 9,एच 10,एन 8,एन 1 भी कहा जाता है। यह रोग पक्षियों में एन्फ्लूएंजा -ए वायरस से फैला। ऐसी भी मान्यता है कि मनुष्य में इसका संक्रमण ‘ब्राह्मणी डक’नामक पक्षी से हुआ है। इस रोग ने पक्षियों के साथ मनुष्य को भी बहुत नुक्सान पहुंचाया। फिर 2002-2003 में एक विषाणु(वायरस) जिसे SARC-CoV कहते हैं से सार्स (सीवियर एक्यूट रेसपायरेटरी सिन्ड्रोम) नामक रोग का जन्म भी चीन के ‘ग्यांगडोंग प्रांत’ में हुआ। इससे संक्रमित व्यक्तियों में श्वसन सम्बन्धी जटिल समस्याएं पैदा हुईं और सैकड़ों लोग मारे गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को “विश्व व्यापी स्वास्थ्य खतरा”घोषित किया था। तीसरा रोग कोविड -19 था जिसका कारण वायरस SARC-CoV-2 था। इस रोग की शुरुवात भी 2019 में चीन के ‘वुहान’ शहर से हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस रोग को ‘विश्व व्यापी महामारी’ घोषित किया। इस बीमारी ने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ली,आर्थिक संकट पैदा किया, विकास की रफ्तार को धीमा किया।कोरोना महामारी के नियंत्रण और बचाव में, पुनः जन-जीवन सामान्य करने में चिकित्सा वैज्ञानिकों द्वारा दिन-रात शोध और परिश्रम से रिकॉर्ड कम समय में वैक्सीन विकास, निमार्ण तथा प्रयोग (व्यापक टीकाकरण) ने बहुत मदद की। खुलकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने में बहुत काम आया।अभी कोरोना से चीन सहित पूरी दुनिया राहत की सांस भी नहीं ले पाई थी कि चीन में तेजी से फ़ैल रही नई रहस्यमय बीमारी ने दुनिया को एक बार फिर डाराना आरंभ कर दिया है। इस बार भी इसका उदय चीन में हुआ है।
वैज्ञानिक इसे एक प्रकार का निमोनिया मान रहे हैं जो बच्चों को तेजी से प्रभावित कर रहा है। चाइना की मानें तो इस रोग के लक्षणों में गले और फैफडों में सूजन, सांस लेने में दिक्कत,खराश, थकान,तेज बुखार, लंबे समय तक रहने वाली खासी प्रमुख है। इस रोग के जटिल होने पर फैफड़ों में पिंड (गांठ)भी विकसित हो सकता है।अक्टूबर 2023 में इसके कारण बीजिंग और लियाओनिंग प्रांत के बाल चिकित्सालय में बच्चों की भारी भीड़ जमा होने की सूचना विश्व के सामने आयी। आज चाइना में इस रोग की स्थिति विस्फोटक नजर आ रही है क्योंकि हजारों बच्चे अस्पतालों की और रुख कर रहे हैं।