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- डॉ. सत्येन्द्र शरण
गुलामी से आजादी के लिए स्वतन्त्रता सेनानियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। आजादी के बाद एक संप्रभु और सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए आवश्यकता थी, एक व्यवस्था की। जिससे देश के भिन्न-भिन्न भाषा,धर्म, जाति, बोली, वर्ण, लिंग आदि आधारित सभी नागरिकों को समानता का अधिकार मिले और वे राष्ट्र के निर्माण में महती भूमिका अदा कर सके। आजादी के बाद भारत ने संवैधानिक प्रणाली को अपनाया। राष्ट्र के निर्माण के लिये संविधान की रचना की गयी। देश में सभी को समान अधिकार और सहभागिता देने के लिए संविधान की रचना के लिए संविधान समिति का गठन किया गया। संविधान निर्माताओं ने यह व्यवस्था दी कि देश का प्रत्येक नागरिक देश को चलाने के लिए अपनी सरकार का गठन करें। सरकार के गठन के लिए चुनाव आयोग की व्यवस्था की गयी ताकि देश के नागरिक अपनी वांछित सरकार का चुनाव कर सके।
चुनाव आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है ताकि वह निष्पक्ष रहे और संविधान के प्रति जवाबदेह रहे। चुनाव आयोग के जरिये देश का नागरिक मतदान करके सरकार का चुनाव करें । इसी व्यवस्था के अंतर्गत मतदान के लिए पात्र नागरिकों की व्यवस्था रखी गई । इस व्यवस्था को मजबूती देने के लिए चुनाव आयोग ने कई कदम उठाये ताकि निर्भीक और निष्पक्ष चुनाव हो सके। मजबूत और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक है कि सभी मतदाता अपनी भूमिका का निर्वहन करें और मतदान अवश्य करें। चुनाव आयोग शत प्रतिशत मतदान के लिए व्यापक प्रयास करता है किन्तु आज भी मतदाताओं का बहुत बड़ा हिस्सा मतदान नहीं करता है ।
देश में युवाओं की एक बहुत बड़ी संख्या है। सरकार के गठन में इन युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है । प्रारम्भ में मतदान के लिए उम्र की न्यूनतम सीमा 21 वर्ष निर्धारित की गयी थी। 61 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1988 ने मतदान के अधिकार के लिए उम्र 21 वर्षों से घटाकर 18 वर्ष कर दिया जिसे 28 मार्च 1989 में लागू किया गया।
मतदान के लिए मतदाता सूची में पंजीकृत होना आवश्यक हैं। मतदाता सूची में पंजीकरण किये बिना कोई भी नागरिक मतदान नहीं कर सकता है।
मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग भरसक प्रयास करता है। भारत निर्वाचन आयोग मतदाताओं को समय पर और उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराता है, जो सुलभ, सटीक और सुरक्षित निर्वाचन के हकदार हैं। देश के भीतर रहने वाला 18 वर्ष की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक, सामान्य मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज करा सकता है। इसके लिये https://www.nvsp.in/ पर ऑनलाइन प्रारूप 6 भरें। आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां भी अपलोड की जानी चाहिए। मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिये व्यक्ति को एक भारतीय नागरिक होना चाहिये और निर्वाचक नामावली के संशोधन वर्ष की निर्धारित तारीख अर्थात 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु का होना, साधारणतया निर्वाचन क्षेत्र के उस भाग / मतदान क्षेत्र के निवासी होना चाहिये जहां पंजीकरण कराना हैं। पंजीकरण ऑफलाइन भी कराया जा सकता है। इसके लिए दो प्रतियों में प्रारूप भरना होता है। 18 वर्ष की उम्र ऊपर होते ही https://hindi.eci.gov.in/files/file/4843-form-6-application-form-for-new-voters/ इस लिंक से भी प्रारूप 6 डाउनलोड किया जा सकता है । प्रारूप 6 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी / सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ स्तर अधिकारियों के कार्यालयों में भी निःशुल्क उपलब्ध रहता है। संबंधित दस्तावेजों की प्रतियों के साथ आवेदन संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी / सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है या उसे डाक से भेजा जा सकता है या उसे आपके मतदान क्षेत्र के बूथ स्तर के अधिकारी को सौंपा जा सकता है। मध्यप्रदेश में रहने वाले 18 वर्ष के युवा बूथ स्तर के अधिकारी की जानकारी के लिए https://ceomadhyapradesh.nic.in/BLO_Details.aspx पर पता कर सकते हैं। इस बारे में निर्वाचन आयोग ने किसी भी मदद के लिए 1950 नंबर की टोल फ्री सुविधा भी कर रखी है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 25 फरवरी को ‘मन की बात’ में नए मतदाताओं से मतदान का आग्रह किया था। उन्होंने नारा दिया – ‘मेरा पहला वोट- देश के लिए’। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा ‘मेरे प्यारे देशवासियो, मुझे इस बात की खुशी है कि कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने एक और अभियान की शुरुआत की है ‘मेरा पहला वोट- देश के लिए’। इसके जरिए विशेष रूप से first time voters से अधिक-से-अधिक संख्या में मतदान करने का आग्रह किया गया है। भारत को, जोश और ऊर्जा से भरी अपनी युवा शक्ति पर गर्व है। हमारे युवा-साथी चुनावी प्रक्रिया में जितनी अधिक भागीदारी करेंगे, इसके नतीजे देश के लिए उतने ही लाभकारी होंगे। मैं भी First time voters से आग्रह करूंगा कि वे record संख्या में वोट करें । 18 का होने के बाद आपको 18वीं लोकसभा के लिए सदस्य चुनने का मौका मिल रहा है। यानि ये 18वीं लोकसभा भी युवा आकांक्षा का प्रतीक होगी। इसलिए आपके वोट का महत्व और बढ़ गया है। आम चुनावों की इस हलचल के बीच, आप, युवा, ना केवल, राजनीतिक गतिविधियों का हिस्सा बनिए, बल्कि, इस दौरान चर्चा और बहस को लेकर भी जागरूक बने रहिए। और याद रखिएगा- ‘मेरा पहला वोट- देश के लिए’। मैं देश के influencers को भी आग्रह करूंगा, चाहे वो खेल जगत के हों, फिल्म जगत के हों, साहित्य जगत के हों, दूसरे professionals हों या हमारे instagram और youtube के influencers हों, वो भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और हमारे first time voters को motivate करें।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी प्रक्रिया को अधिक सहभागी बनाने के सिलसिले में देशवासियों का आह्वान किया और कहा कि सभी वर्ग के लोग पहली बार के मतदाताओं के बीच अपने तरीके से ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’ अभियान का संदेश फैलाएं। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपना संदेश साझा किया। केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने एक्स पर #MeraPehlaVoteDeshKeLiye विषयक गान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य युवा मतदाताओं को वोट देने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। मेरा पहला वोट- देश के लिए अब एक अभियान बन गया है।