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- पंकज चतुर्वेदी
हर व्यक्ति सफलता पाना चाहता है। ऐसा इस दुनिया में कोई नहीं होगा जो सफलता नहीं पाना चाहता हो। किंतु हर व्यक्ति सफल भी नहीं है। सफलता के पीछे कुछ अपेक्षित सिद्धांत है ,यदि उनका पालन किया जाए तो अपेक्षा से अधिक सफलता प्राप्त हो सकती है और उपेक्षित होने की स्थान पर हम सम्मानित हो सकते हैं ।
सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि सफलता प्राप्त करने के लिए सफल होना जरूरी है ।कई बार ऐसा देखने में आया है कि व्यक्ति बहुत अच्छा है ,किंतु सफलता का वह स्तर नहीं है ,जैसा कि होना चाहिए था ऐसे अनेकों लोग हैं जी अच्छे हैं किंतु सफल व्यक्तियों की सूची में सम्मिलित नहीं हैं।
बहुत स्पष्ट है कि आप सिर्फ अच्छे व्यक्ति हैं सिर्फ़ इतना ही पर्याप्त नहीं है ।आप जब तक संपूर्ण रूप से सफल नहीं होंगे तब तक सफलता की परिभाषा को पूर्ण नहीं कर पाएंगे । इसलिए इस बात को स्वीकारना पड़ेगा कि सफलता के लिए सही अर्थ में संपूर्णता के साथ सफल होना जरूरी है ।तभी आपकी गणना सफल लोगों में की जाएगी ।
हम दुनिया भर के इतिहास में किसी भी सफलता के उदाहरण को देखिए तो वो कोई भी हो और किसी भी देश से हो ,लेकिन वे सफल होने के हर प्रतिमान पर शत प्रतिशत खरे उतरे हैं ।इसलिए उनका नाम, मान -सम्मान और आदर दुनिया भर में है .।इस दुनिया में बहुत सारे अच्छे लोग हैं पर सिर्फ सफल लोगों को ही जाना -पहचाना और माना जाता है ।
सफलता के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि इस तथ्य को समझा जाए कि जो सही है वही सफल है ।
ऐसा हो सकता है कि जो सही है वह प्रारंभ में कष्टप्रद हो ,उसे करने में उतना आनंद ना आए किंतु जो सही है वही अंत तक टिक पाएगा और सफलता प्राप्त कर पाएगा । सफलता के पश्चात सफल व्यक्ति क्या करते हैं इसका अनुसरण तो ठीक है ।किंतु यदि वास्तव में सशक्त सफलता चाहिए तो इस बात की खोज करना चाहिए कि जब वह सफलता के पथ पर संघर्ष कर रहा था तब उसने ऐसा क्या किया कि आज वह सफल है । इसी में दुनिया भर की सफलता का सार है । यदि ये समझ में आ जाए कि जब सफलता साथ न हो तो किस प्रकार की मानसिकता के साथ काम आगे बढ़ना चाहिए तब किसी के लिए भी सफलता प्राप्त करना सरल हो जाएगा ।संघर्ष के समय किए गए सफलता के प्रयास और आचरण का यदि अनुसरण कर लें तो सफलता का स्वयं का एक नया इतिहास लिखना सरल हो जाएगा। लेकिन लोग ऐसा करते नहीं है , वे अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग करते हैं बजाय सफल लोगों को अनुसरण करने के।
आशय यह नहीं है कि अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग नहीं करना है वो भी आवश्यक है ।किन्तु यदि कोई सफलता का सुनिश्चित पथ ज्ञात है तो उस पर चलना ही समझदारी है । इस सब में एक महत्वपूर्ण तथ्य और भी है ।वह है समय ।लोग समय को न जाने क्यों वैसा महत्व नहीं देते जैसा दिया जाना चाहिए ।दुनिया में हम सब कुछ कमा सकते हैं ।बहुत कुछ एक बार खो जाए तो दोबारा पा सकते हैं ।किंतु एक बार जो समय निकल गया वह हमारे जीवन काल में दोबारा आना संभव नहीं है ।अभी तक दुनिया में ऐसी कोई बैंक नहीं बनी है कि जहां हम टाइम डिपॉजिट कर दें और जरूरत पड़ने पर एक्स्ट्रा टाइम उस में से निकल लें। समझदारी इसी में है कि हम समय बर्बाद करने वालों को और हमारा समय छीनने वालों की पहचान शुरू करे। हम जाने -अनजाने में ही ऐसे लोगों में घिर जाते हैं जो अपने साथ-साथ हमारा भी समय बर्बाद करते हैं या छीन कर ले जाते हैं ।समय बर्बादी का नुकसान सामान्य तौर पर प्रत्यक्ष और तत्काल नहीं होता इसलिए इसका अनुमान तब लगता है जब चिड़िया खेत चुग जाती है ।
समय को और हमारा समय को बर्बाद करने वालों को दोनों प्रकार के लोगों को पहचानना होग ।एक ही लक्ष्य कि क्या हमारा समय सही ढंग से हमारी ग्रोथ और प्रोग्रेस में लग रह या नहीं । सबके पास बराबर 24 घंटे का ही समय है ।लेकिन जिन्होंने समय की शक्ति और क्षमता को पहचान लिया और समय को बर्बाद नहीं किया वह ही सफल है । अधिकांश लोगों में असफलता का एक बड़ा कारण काम को टालने की प्रवृत्ति है। उनकी कोशिश होती है कि काम करना है तो कर लेंगे जल्दी क्या है ।जबकि हमारे यहाँ कहावत है कि “कल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।पल में प्रलय होगी फिर करेगा कब ।” यदि किसी भी काम को उस स्थिति में करना पड़े जब कि वह अति आवश्यक है तो उसे कार्य की श्रेष्ठता और गुणवत्ता दोनों ही कम होंगी ।किंतु जब वह कार्य महत्वपूर्ण था और इस समय हमने उसको पूर्ण कर लिया तो यह मानिए कि उसे कार्य की श्रेष्ठता और गुणवत्ता अद्धभुत होगी ।
सफल होने की सिर्फ़ क्षमता ही पर्याप्त नहीं है ।हमें उसे विषय विशेष की सफलता की प्रक्रिया और पद्धति का भी पूर्ण पालन करना पड़ेगा ।यदि आप बहुत क्षमतावान है ।किंतु सफलता की प्रक्रिया और पद्धति का पूर्ण पालन नहीं करेंगे तो भरपूर क्षमता होने के बाद भी सफलता के शिखर पर आप नहीं कोई और होगा ।
प्रयास करना है कि सकारात्मक विचारों के साथ ,समय का सदुपयोग करते हुए ,सफलता की प्रक्रिया-पद्धति का पूर्ण पालन करते हुए निरंतरता के साथ किसी भी पथ पर आगे बढ़ा जाए तो सफलता की सूची में नाम आना सहज हो जाएगा । ऐसा दुनिया भर के सफल लोगों का इतिहास है।