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टूना मछली के अस्तित्व पर मंडराता खतरा

  • योगेश कुमार गोयल
    मछलियों की दुनियाभर में तीस हजार से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ असाधारण अथवा विशेष मानी जाती हैं। इन्हीं प्रजातियों में से एक है ‘टूना’, जिसका विश्वभर के कई देशों में बड़े पैमाने पर शिकार किए जाने के कारण इसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण अब इसके संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं। वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने मछली पालन, मछलियों के शिकार और टिकाऊ विकास में मछलियों की अहमियत की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए ‘वर्ल्ड टूना डे’ मनाने का निश्चय किया और 2 मई 2017 को पहला वर्ल्ड टूना डे मनाया गया। विश्वभर में इस मछली के महत्व को रेखांकित करने और पकड़ी तथा खाई जाने वाली विश्व की सर्वाधिक लोकप्रिय मछलियों को बचाने के उद्देश्य से अब प्रतिवर्ष 2 मई को यह दिवस मनाया जाता है। टूना मछलियां पकड़े और खाये जाने के मामले में दुनिया की सबसे लोकप्रिय मछलियों में से एक हैं। टूना मछली में ओमेगा-3, विटामिन बी-12, प्रोटीन तथा अन्य खनिज सहित कई समृद्ध गुण होते हैं और यह मनुष्यों के लिए भोजन का महत्वपूर्ण स्रोत है। इनके मांस की उच्च मांग के कारण ही यह लुप्तप्रायः प्रजाति बन गई है। टूना खारे पानी की समुद्री मछली है, जो एक से 15 फुट तक लंबी हो सकती है। मैकेरल परिवार के एक उप-समूह जनजाति थ्युननिनी के अंतर्गत आने वाली यह मछली अपने पोषक तत्वों के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी विख्यात है। यह एक तेज तैराक मछली है, जिसकी कुछ प्रजातियां तो 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तैरने में सक्षम हैं। विश्वभर में इसकी 48 से भी अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें मुख्यतः थुन्नुस वर्ग की 9 प्रजातियां शामिल हैं। ये प्रजातियां हैं एल्बाकोर, येल्लोफिन टूना, ब्लैकफिन टूना, दक्षिणी ब्लूफिन टूना, बिगआई टूना, पैसिफिक ब्लूफिन टूना, उत्तरी ब्लूफिन टूना, लॉन्गटेल टूना, करासिक टूना। टूना मछली को सेलेनियम, विटामिन बी-3 (नियासिन), विटामिन बी-12, विटामिन बी-6, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन डी तथा पोटेशियम का अच्छा स्रोत माना गया है। सूर्य की रोशनी से ही मिलने वाला विटामिन डी टूना मछली में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। कहा जाता है कि टूना मछली हाई क्वालिटी प्रोटीन वाली मछलियों में से एक हैं, जिनमें बहुत ही कम वसा होती है और यह मछली काफी पौष्टिक मानी जाती है। अधिकांश मछलियों का मांस प्रायः सफेद रंग का होता है किन्तु टूना की मांसपेशियों के उत्तकों का रंग गुलाबी से लेकर गहरा लाल होता है। यह लाल रंग एक ऑक्सीजन बाध्यकारी अणु मायोग्लोबिन के कारण होता है, जिसकी मात्रा मछलियों की अन्य प्रजातियों की तुलना में टूना में अधिक होती है।

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