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अमृतकाल में ‘संकल्प से सिदि्ध’ मार्ग के सूत्रधार

  • पंकज शुक्‍ला
    पौ फटते ही ज्‍यों अंधकार को चीर कर सूर्य की औजस्‍वी किरणें धरती को उजास से भर देती हैं, वैसे ही देश अमृतकाल में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय और वसुधैव कुटुंबकम के ध्‍येय की पूर्ति का स्‍वप्न पूर्ण होने की उम्‍मीद से भर गया है। यह गौरव का क्षण है कि अखिल विश्‍व के कल्‍याण की अवधारणा को क्रियान्वित करने का मुहूर्त आ चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में हम देश को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होते देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस अनुष्‍ठान में समर्पण और कर्तव्‍य की आहूति के साथ जो व्‍यक्ति निरंतर प्रयत्‍नशील है वह है कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर। अपनी अद्भुत संगठन क्षमता से मध्‍य प्रदेश भाजपा को दो बार सत्‍ता के सिंहासन तक पहुंचाने वाले मंत्री तोमर पिछली 9 सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिना के सदस्‍य के रूप में महत्‍वपूर्ण विभागों के दायित्‍व निभा रहे हैं। उनके व्‍यक्तित्‍व की भांति ही कार्यक्षेत्र में भी उनका मौन ही उनकी अभिव्‍यक्ति है और कर्म प्रतिष्ठित हो रहा हैं। आज देश के कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का उल्‍लेख इसलिए क्‍योंकि 12 जून को उनका जन्‍मदिन है। 12 जून 1957 को पोरसा में जन्‍मे तोमर मध्‍य प्रदेश के उन नेताओं में शुमार होते हैं जिनकी नेतृत्‍व क्षमता का लोहा पूरे देश ने माना है। भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीति‍ की शुरुआत करने वाले नरेंद्र सिंह तोमर के कार्य का विस्‍तार सत्‍ता और संगठन दोनों फलक पर शीर्ष को छू रहा है। संगठन और सत्‍ता जहां-जहां उलझनों को सुलझाने की आवश्‍यकता हुई वहां-वहां नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति अपरिहार्य हो गई जैसे। संगठन में जहां मंडल अध्यक्ष, भाजयुमो प्रदेश अध्‍यक्ष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री जैसे दायित्‍वों को निभाया वहीं हाल ही में गुजरात चुनाव के सहप्रभारी, असम और हरियाणा चुनाव के प्रभारी के रूप में सत्‍ता के सूत्रधार की भूमिका को बखूबी संभाला है। और बात चुनाव की हो तो उन्‍होंने ग्‍वालियर नगर निगम के पार्षद से लेकर विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा का प्रति‍निधित्‍व किया। मध्‍य प्रदेश संगठन को जब उनके कुशल नेतृत्‍व की आवश्‍यकता हुई तो उन्‍हें प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया और दोनों बार उनके कौशल का परिणाम था कि पार्टी सत्‍ता में पहुंची। जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो मध्‍य प्रदेश से जिस व्‍यक्ति के कैबिनेट में शामिल होने की आश्‍वस्ति थी वह नेता श्री तोमर ही थे। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को विकास की नई दिशा में अग्रसर करने के लिए संकल्‍प लिया और इस संकल्‍प की सिद्धी के लिए जिस टीम का गठन हुआ उसमें एक कर्मनिष्‍ठ सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर को शामिल किया गया। तब से लेकर अब तक 9 वर्ष के शासनकाल में उनका कद ऊंचा और कार्य विस्‍तारित हुआ है। वे इस्पात व खनन मंत्री बनाए गए थे लेकिन मोदी सरकार के पहले पांच साल पूरा होते-होते उनके पास कई अहम विभाग अतिरिक्त दायित्व के रूप में जुड़ते गए। ग्रामीण विकास,पंचायतीराज, पेयजल और स्वच्छता मंत्री के पद पर रहते हुए उन्‍होंने जो किया है वह नजीर बन कर हमारे सामने है। जैसे, पहले चार सालों में ग्रामीण विकास विभाग का बजट 53,155 करोड़ (2012-13) से बढ़ कर 2018-19 में ही 1,26,511 करोड़ करवा दिया था। उनके प्रथम कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्‍ट्रीय शहरी मिशन, सांसद आदर्श ग्राम योजना जैसी लोकहितैषी योजनाओं को धरातल पर साकार किया गया।

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