Home » बेटियों को बढ़ावा देती शिवराज सरकार

बेटियों को बढ़ावा देती शिवराज सरकार

  • लोकेन्द्र सिंह
    मध्यप्रदेश में बेटियों को लेकर एक सकारात्मक एवं भावनात्मक वातावरण बन गया है। आज मध्यप्रदेश की बेटियां खूब पढ़ रही हैं और आगे बढ़ रही हैं। प्रत्येक कार्यक्षेत्र में भी अपना योगदान दे रही हैं। खेल के मैदान हों, या जोखिम भरी एवरेस्ट की चढ़ाई, बेटियों के कदमों को अब रोका नहीं जाता अपितु उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सब सहयोगी की भूमिका में हैं। लड़ाकू विमान उड़ानेवाली पहली महिला फाइटर पायलट में भी मध्यप्रदेश की बेटी का नाम शामिल है। बेटियां अपने पग से जल, थल, नभ को नाप रही हैं। मध्यप्रदेश में यह बदलाव अचानक नहीं आया है। बेटियों के लिए बना यह वातावरण ‘संकल्प से सिद्धि’ का उदाहरण है। बेटियों के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक संकल्प लिया कि वे बेटियों को प्रोत्साहित करने वाला वातावरण बनाएंगे। इसके लिए उनकी पहल पर 16 वर्ष पूर्व 1 अप्रैल 2007 को मध्यप्रदेश सरकार ने ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ शुरू की। स्वयं को प्रदेश की बेटियों का ‘मामा’ घोषित करके ‘बेटी बचाओ’ का नारा दिया। मुख्यमंत्री का यह विचार इतना शक्तिशाली एवं प्रभावशाली था कि लोकप्रिय राजनेता नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने इस नारे को राष्ट्र का नारा बना दिया और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का आह्वान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की सरकार यहीं नहीं रुकी, अपितु बेटियों को संरक्षण और संबल देने के लिए प्रयास अनेक स्तर पर किए गए। इस सबमें अधिक महत्वपूर्ण है कि उन्होंने इस मुद्दे पर जनता से सीधे और लगातार संवाद किया। जब एक जनप्रिय राजनेता नागरिक समाज से कोई आग्रह करता है, तब उसका सुफल परिणाम आने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
    शिवराज सरकार जब 2 मई से प्रदेश में लाडली लक्ष्मी उत्सव मनाएगी, तब इसकी पृष्ठभूमि को अवश्य देखा जाना चाहिए। पृष्ठभूमि में जाये बिना हम लाडली लक्ष्मी उत्सव के महत्व को नहीं समझ पाएंगे। मध्यप्रदेश की मातृशक्ति ने वह दौर भी देखा है, जब बेटी पैदा होने पर उदासी छा जाती थी। इस नकारात्मक वातावरण का असर कन्या के जन्म से लेकर उसके विवाह तक की व्यवस्था पर रहता था। कन्या भ्रूण हत्या के रूप में एक जघन्य अपराध ने हमारे समाज में घर कर लिया था। इसके कारण मध्यप्रदेश में लिंगानुपात बढ़ता जा रहा था। प्रदेश में वर्ष 2001 में लिंगानुपात प्रति हजार लड़कों पर 919 लड़कियां था। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से भी कम था। कन्या भ्रूण हत्याओं को रोकने के लिए सरकार ने कठोर कानून तक बनाए लेकिन उसके बाद भी बेटियों के प्रति वातावरण में कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं आया। क्योंकि इस प्रकार की सामाजिक समस्या का समाधान समाज को साथ लिए बिना नहीं आ सकता। इस प्रकार के मामलों में कानूनी प्रावधानों के साथ ही समाज को जागरूक करना, उसके नैतिक बोध को जगाना और उसकी दृष्टि को बदलना आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 16-17 वर्षों में यही किया। उन्होंने शासन के स्तर पर भी और समाज के बीच भी स्त्री सशक्तिकरण के अभियान को गति दी। अपने घर पर प्रतिवर्ष कन्यापूजन करके उन्होंने सामाजिक संदेश दिया कि हमारे यहाँ बेटियों का स्थान देवतुल्य है। जिस घर में स्त्री का सम्मान नहीं, वहाँ खुशहाली नहीं आ सकती। इसलिए बेटियों का सम्मान करें। उसके बाद उन्होंने देखा कि समाज में बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर है इसलिए उसे बेटियां बोझ लगती हैं। मुख्यमंत्री ने लाडली लक्ष्मी योजना की नींव रखकर बेटियों को आर्थिक रूप से ताकत देने का काम किया। इस योजना के अंतर्गत शिवराज सरकार अभिभावक की तरह बेटियों की पढ़ाई एवं उसके लालन-पालन की चिंता करती है। इसके अतिरिक्त शिवराज सरकार ने बेटियों को साइकिल/स्कूटी, छात्रवृत्ति, आवश्यक सुविधाएं देकर भी प्रोत्साहित किया। कन्या विवाह योजना के अंतर्गत भी सरकार बेटियों का सहयोग करती है। इस तरह अनेक प्रयासों से शिवराज सरकार ने बेटियों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का काम किया है। बालिकाओं के सशक्तीकरण के अंतर्गत लिंगानुपात में सुधार, बालिकाओं के जन्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर के उन्नयन और स्वास्थ्य में सुधार के लक्ष्य लेकर शुरू की गई ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ बहुत हद तक अपने उद्देश्य में सफल रही है। अभी हाल ही में शिवराज सरकार ने इस योजना को विस्तार देते हुए ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0’ शुरू की है। विश्वास है कि मध्यप्रदेश में बेटियों के लिए तैयार किया गया यह उत्सवी वातावरण और अधिक आनंद देनेवाला होगा। हमारे प्रदेश की बेटियां खुले आसमान में उड़ेंगी, मैदानों में दौड़ेंगी, पर्वतों को विजय करेंगी, कला-संस्कृति के क्षेत्र में नये वितान रचेंगी और स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण में अपना योगदान देंगी।

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd