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आपदा के समय भरोसेमंद दोस्त है रेडक्रॉस

  • योगेश कुमार गोयल
    रेडक्रॉस की स्थापना महान् मानवता प्रेमी जीन हेनरी डयूनेंट द्वारा की गई थी, इसीलिए उनके जन्मदिन के अवसर पर प्रतिवर्ष विश्वभर में 8 मई का दिन ‘अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और संस्था की गतिविधियों से आम आदमी को अवगत कराने के प्रयास किए जाते हैं। रेडक्रॉस की स्थापना वर्ष 1863 में हुई थी और अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी दुनिया के सभी देशों में रेडक्रॉस आन्दोलन का प्रसार करने के साथ-साथ रेडक्रॉस के आधारभूत सिद्धांतों के संरक्षक के रूप में भी कार्य कर रही है। 8 मई 1828 को जन्मे डयूनेंट 1859 में हुई सालफिरोनो (इटली) की लड़ाई में घायल सैनिकों की दुर्दशा देख बहुत आहत हुए थे क्योंकि युद्धभूमि में पड़े इन घायल सैनिकों के उपचार के लिए कोई चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी। युद्ध मैदान में घायल पड़े इन्हीं सैनिकों के दर्दनाक हालातों पर अपने कड़वे अनुभवों के आधार पर उन्होंने ‘मेमोरी और सालफिरोनो’ नामक एक पुस्तक भी लिखी और 1863 में रेडक्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति ‘आईसीआरआई’ का गठन किया। डयूनेंट के सतत प्रयासों की बदौलत ही 1864 में जेनेवा समझौते के तहत ‘अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस मूवमेंट’ की स्थापना हुई।
    डयूनेंट ने इटली में युद्ध के दौरान रक्तपात का ऐसा भयानक मंजर देखा था, जब चिकित्सकीय सहायता के अभाव में युद्धक्षेत्र में अनेक घायल सैनिक हृदयविदारक कष्टों से तड़प रहे थे। ऐसे घायलों की सहायता के लिए उन्होंने स्थायी समितियों के निर्माण की आवश्यकता को लेकर आवाज बुलंद की, जिसका असर भी दिखा। युद्ध में आहतों की स्थिति के सुधार के साधनों का अध्ययन करने के लिए उसके बाद एक आयोग का गठन किया गया। 1863 में जेनेवा में एक अंतर्राष्ट्रीय बैठक में रेडक्रॉस के आधारभूत सिद्धांत निर्धारित किए गए तथा रेडक्रॉस आन्दोलन का विकास करते हुए आहत सैनिकों और युद्ध पीडि़तों की सहायता संगठित करने हेतु दुनियाभर के सभी देशों में राष्ट्रीय समितियां बनाने पर जोर दिया गया। मानवीय सेवा को समर्पित रेडक्रॉस ने प्रथम तथा द्वितीय विश्वयुद्ध में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अनेक घायल सैनिकों तथा नागरिकों की सहायता कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया था। दुनिया के किसी भी भाग में जब भूकम्प, बाढ़, भू-स्खलन या अन्य किसी भी प्रकार की प्राकृतिक अथवा मानवीय आपदा सामने आती है तो सबसे पहले ‘अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी’ की टीमें वहां पहुंचकर राहत कार्यों में जुट जाती हैं। शांति और सौहार्द के प्रतीक के रूप में जानी जाने वाली इस संस्था ने अपने कर्मठ, समर्पित और कर्त्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवकों के माध्यम से न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। फिलहाल 190 से भी अधिक देशों में ‘रेडक्रॉस’ संस्था सक्रिय है। भारत में ‘भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी अधिनियम’ के तहत वर्ष 1920 में रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ था और स्थापना के नौ वर्ष बाद इसकी सराहनीय गतिविधियों को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी ने ‘भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी’ को मान्यता प्रदान की।

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