41
- इंजी. राजेश पाठक
बालीवुड के फिल्मी सितारों की तरह इस्लामी देश मालदीव ने, हमास के दुराचारों को भूल इस्लाम को याद रख, फिलिस्तीन के समर्थन में इजराइल से आने वाले पर्यटकों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। लेकिन जवाब में जो इजराइल ने किया उसे भारत में बैठे हमास समर्थक भी देख लें। उसने अपने नागरिकों से आव्हान किया है कि भारत स्थित गोवा, अंडमान-निकोबार, लक्षदीप जैसे प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण पर्यटक स्थल आपका इंतज़ार कर रहें हैं। वहां पहुंचकर आनंद उठाईये !
इजराइल और भारत के बीच मित्रवत राजनयिक संबंधों को इसके अतिरिक्त भू-आर्थिक और राजनैतिक दृष्िट से भी देख लेना उचित होगा। तभी देश के अन्दर से निज-हित और मजहबी मंशा से फिलिस्तीन या दूसरे शब्दों में हमास के समर्थन में उठने वाली आवाज़ से होने वाली क्षति को ठीक तरह से समझा जा सकता है।
सितम्बर में जी- 20 की भारत में हुई बैठक में प्रस्तावित इंडिया-मिडिल ईस्ट- यूरोप आर्थिक कोरिडोर सोयुज कैनाल को बायपास कर युएई , सऊदी अरब से होता हुआ जॉर्डन और फिर इजराइल जहां अदानी के द्वारा निर्मित हयफा पोर्ट है, वहां से सीधा ये यूरोप से जुड़ने वाला है. फिर रेड सी पर स्थित सोयुज कनाल से निकलने वाला मार्ग सकरा है। टोकन सिस्टम के कारण शिप को यहाँ से निकलने में बड़ा समय लगता है। साथ ही अफ्रीकन महाद्वीप के पास से गुजने के कारण सोमालिया के लूटेरों और हुती आंतक वादियों से ग्रस्त भी । जिसके विषय में हम आये दिन पढ़ते भी रहता हैं। दूसरी और, इस क्षेत्र में पहले से ही मौजूद पोर्ट की श्रंखला आसानी से आयेमेक को सऊदी अरब से होते हुए सीधे यूरोप से जोड़ देगी। अनुमान है कि इस नयी व्यवस्था से परिवहन लागत में 40% तक की कमी आ जायेगी।
दूसरी तरफ, आज देश में लोगों के बहकावे में आकर हमास के पक्ष में जो खड़े हैं लगता है इंग्लैंड के शहर लेस्टर में 2 साल पहले एशिया कप में पाकिस्तान को भारत के हांथों मिली हार से उत्पन्न मजहबी उन्माद को वो भूल चुके हैं। इस शहर में भारतीय प्रवासीयों में 1 लाख मुसलमान , 75 हजार हिन्दू ; और पाकिस्तान प्रवासी 10 हज़ार है ।