Home » भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण और युवा शक्ति

भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण और युवा शक्ति

  • प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी
    सनातन संस्कृति का यह स्वर्णिम दौर चल रहा है और भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सनातन संस्कृति के महत्त्वपूर्ण विचारों ‘वसुधैव कुटुम्बकम्ा्’ अर्थात्ा पूरा विश्व एक परिवार है तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः’ सभी प्रसन्न एवं सुखी रहे, के इन्हीं मूलमंत्रों के साथ सनातन संस्कृति के संवाहक के रूप में हम सभी के मार्गदर्शक बन रहे हैं और समस्त विश्व को सनातन के विचारों से अवगत करवा रहे हैं। एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में हमारा इतिहास करीब साढ़े सात दशक पुराना है, लेकिन हमारी सभ्यता 5,000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है। कहने की आवश्यकता नहीं कि भारत के खाते में अनगिनत उपलब्धियां हैं। उनके स्मरण के लिए इससे बेहतर और क्या अवसर हो सकता है कि जब हम अपनी आजादी के अमृतकाल में हैं, तो केवल इस दिशा में ठोस और एकजुट प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
    भारत अध्‍यात्‍म, ज्ञान, कर्म, सेवा, साधना और करुणा का देश रहा है। भारत, राष्‍ट्र के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए युवाओं की भूमिका का महत्‍व पहचानने वालों का देश रहा है। ऋषियों, शिक्षकों, कवियों, गुरुओं और वरिष्‍ठ-जनों ने युवा-शक्ित का यथेष्‍ट मार्गदर्शन करके उन्‍हें समाज, देश और दुनिया के कल्‍याण की ओर सदैव प्रेरित किया है। राष्‍ट्र-निर्माण के कार्य में युवाओं को प्रेरित करने में समाज की, मनीषियों और चिंतकों की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। ये मनीषी और चिंतक युवा शक्ित के लिए सदैव प्रेरक होते हैं। उनके ‘रोल मॉडल’ होते हैं। सामान्‍य तौर पर, ये रोल मॉडल समय-समय पर, देश-काल और परिस्िथति के अनुसार, बदलते रहते हैं। लेकिन कुछ रोल मॉडल कभी नहीं बदलते। ऐसे ही एक कालजयी रोल मॉडल हैं – स्‍वामी विवेकाननंद। स्‍वामी विवेकानंद के विचार दुनियाभर के युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं। उन्‍हें युवाओं की ऊर्जा पर बहुत भरोसा था। वे कहते थे कि- ‘युवा वो होता है जो बिना अतीत की चिंता किए अपने भविष्‍य के लक्ष्‍यों की दिशा में काम करता है’। स्वामी विवेकानंद भारत के युवा को अपने गौरवशाली अतीत और वैभवशा‍ली भविष्य की एक मजबूत कड़ी के रूप में देखते थे। आप सभी को आज बस अपने अतीत को जानना है। क्‍योंकि अतीत को जानकर, उसे समझकर, आपको भविष्‍य के लक्ष्‍य तय करने हैं। अपने लिए, समाज के लिए, देश के लिए जो कुछ भी उत्तम और कल्‍याणकारी है, उसे प्राप्‍त करने के लिए काम करना है।
    आज का भारत, युवा शक्ित से भरपूर है। देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या यानी लगभग 85 करोड़ युवा अपनी रचनात्‍मक शक्ित के बल पर हमारे देश को प्रगति की, मानव सभ्‍यता की नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो आज से लगभग 9 वर्ष पहले शुरू किए गए ‘स्‍वच्‍छ भारत अभियान’ की सफलता में युवाओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। स्‍वच्‍छता के प्रति जागरुकता बढ़ाने में, लोगों को प्रेरित करने में युवाओं ने प्रभावशाली योगदान दिया है। हमारे युवाओं में असीम प्रतिभा और ऊर्जा है। इस प्रतिभा और ऊर्जा का समुचित विकास और उपयोग किए जाने की जरूरत है। इस दिशा में प्रयास तेजी से किए जा रहे हैं और इन प्रयासों के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। ज्ञान-विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर, खेल के मैदान तक भारत के बेटे-बेटियां विश्‍व समुदाय पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। देश के कोने-कोने से नई-नई खेल प्रतिभाएं सामने आ रही हैं। खेल-कूद से हमारे अंदर टीम भावना का संचार होता है। सामाजिक सौहार्द और राष्‍ट्रीय एकता के लिए टीम भावना जगाने वाले ऐसे प्रयासों को बढ़ाने की जरूरत है।
    आज से 10 साल पहले हमारे देश में औसतन चार हजार पेटेंट प्रतिवर्ष होते थे। अब इसकी संख्‍या बढ़कर सालाना 15 हजार पेटेंट से ज्‍यादा हो गई है, यानि करीब-करीब चार गुना। ये किसकी मेहनत से हो रहा है। कौन है इसके पीछे? मैं फिर से दोहराता हूं। इसके पीछे युवा ही हैं, नौजवान साथी हैं, युवाओं की ताकत है। 26 हजार नए स्‍टार्टअप का खुलना दुनिया के किसी भी देश का सपना हो सकता है। ये सपना आज भारत में सच हुआ है। तो इसके पीछे भारत के नौजवानों की ही शक्ति है, उन्‍हीं के सपने हैं। भारत के नौजवानों ने अपने सपनों को देश की जरूरतों से जोड़ा है, देश की आशाओं और आकांक्षाओं से जोड़ा है। देश के निर्माण का काम मेरा है, मेरे लिए है और मुझे ही करना है। इस भावना से भारत का नौजवान आज भरा हुआ है। आज देश का युवा नए-नए ऐप्स बना रहा है, ताकि खुद की जिंदगी भी आसान हो जाए और देशवासियों की भी मदद हो जाए। आज देश का युवा हेकाथॉन के माध्‍यम से, तकनीक के माध्‍यम से, देश की हजारों समस्याओं का समाधान खोज रहा है। आज देश का युवा ये नहीं देख रहा कि ये योजना शुरू किसने की, वो आज खुद नेतृत्‍व करने के लिए आगे आ रहा है। आज देश के युवाओं के सामर्थ्य से नए भारत का निर्माण हो रहा है। एक ऐसा नया भारत, जिसमें Ease of Doing Business भी हो और Ease of Living भी हो। एक ऐसा नया भारत, जिसमें लाल बत्ती कल्‍चर नहीं है, जिसमें हर इंसान बराबर है, हर इंसान महत्‍वपूर्ण है। एक ऐसा नया भारत, जिसमें अवसर भी हैं और उड़ने के लिए पूरा आसमान भी।
    विश्व स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करके भारत के युवा आज आर्थिक विकास और राष्ट्रीय अर्थव्यस्था के लिए ‘मेरूदंड’ सिद्ध हो रहे हैं। ऐसा नहीं है की भारत ने अपनी वैश्विक शक्ति किसी से उधार में ली है। अतीत में भी भारत विश्व गुरु की उपाधि से विभूषित रहा है। भारतीय युवा शक्ति का लोहा अमेरिकी के भूतपूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी मानते थे, तभी उन्होंने समय- समय पर भोग में लिप्त अमेरिका के युवाओं को भारत से सीख लेने का परामर्श दिया था। भारत इस समय बहुत ही सुनहरे दौर से गुजर रहा है। हमारे देश में इस समय युवाओं की संख्या ज्यादा है। जिस देश में युवाओं की आबादी जितनी ज्यादा हो, वह उतनी ही तेजी से तरक्की करता है।
    हमारे ऋषियों ने उपनिषदों में ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतं गमय’ की प्रार्थना की है। यानी, हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ें। परेशानियों से अमृत की ओर बढ़ें। अमृत और अमरत्व का रास्ता बिना ज्ञान के प्रकाशित नहीं होता। इसलिए, अमृतकाल का ये समय हमारे ज्ञान, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें एक ऐसा भारत बनाना है, जिसकी जड़ें प्राचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होंगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा। हमें अपनी संस्कृति, अपनी सभ्यता, अपने संस्कारों को जीवंत रखना है। अपनी आध्यात्मिकता को, अपनी विविधता को संरक्षित और संवर्धित करना है। और साथ ही, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ की व्यवस्थाओं को निरंतर आधुनिक भी बनाना है।
    प्रख्यात कवि भीम भोई जी की कविता की एक पंक्ति है-
    ‘मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ,जगत उद्धार हेउ’।
    अर्थात्ा ‘अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है। जगत कल्याण की इसी भावना के साथ हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को पूरी निष्ठा व लगन के साथ काम करना होगा। हम सभी एकजुट होकर समर्पित भाव से कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ेंगे, तभी वैभवशाली और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा।

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd