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- ऋषभ मिश्रा
‘न्यू इंडिया’ के विचार ने हाल ही के वर्षों में सभी भारतीयों में बहुत अधिक आत्मविश्वास और आशावाद को प्रेरित किया है। जिसमे से वैश्विक और क्षेत्रीय राजनीतिक परिदृश्य में कई मुद्दों पर आत्मविश्वास पूर्ण स्वतंत्र रुख अपनाने की हमारी क्षमता,ओलंपिक सहित सभी खेलों में असाधारण प्रदर्शन दर्ज कराना, और चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर (विश्व के किसी भी देश के द्वारा पहली बार) कामयाबी के साथ चन्द्रयान उतारना जैसे कई महत्वपूर्ण आयामों में से कुछ एक हैं, जो हमें यह विश्वास करने का कारण देते हैं कि अंततः न्यू इंडिया उभर रहा है। वर्तमान में भारत का आर्थिक रूपांतरण जिसे डिजिटलीकरण द्वारा महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान की गई है, यह न्यू इंडिया का एक और जगमगाता हुआ उदाहरण है, जो विकसित हो रहा है। दुनिया भर के देशों और संगठनों में कोविड के कारण डिजिटल को अपनाने के लिए मजबूर होने से बहुत पहले ही वर्तमान सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल वितरण मॉडल पर सक्रिय रूप से जोर दिया है। वस्तुतः डिजिटल इंडिया मिशन 2015 में शुरू किया गया था। और भारत सरकार ने न केवल सार्वजनिक कल्याण के लिए बल्कि डिजिटल प्लेटफार्म और ‘अवसंरचना का भारतीय समूह’ (स्टैक) के निर्माण में भी क्रांति की शुरुआत की है। जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न घटकों को लाभान्वित करते हुए विकास के लिए भी एक अनूठा मंच प्रदान करता है। डिजिटलीकरण कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य, सेवा और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों को नए व्यवसाय मॉडल की ओर ले जा रहा है, जो सभी मौलिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। यह डिजिटलीकरण हमारी व्यवस्था में खामियों को दूर कर वितरण में अनियमितताओं को कम करता है और अर्थव्यवस्था के औपचारिकरण को सक्षम बनाता है। जीएसटी के लिए बढ़ता पंजीकरण और जीएसटी संग्रहण में वृद्धि इसकी सफलता को परिलक्षित करता है। व्यापक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में वित्तीय संस्थान और संगठन संभवतः भारतीय ‘स्टैक’ को सबसे अधिक मजबूती से अपनाने वाले रहे हैं। जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है,तथा वित्तीय उत्पादों को अपनाने हेतु सुगम बनाया है। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खाते मार्च 2015 में 147.2 मिलियन से 3 गुना बढ़कर अगस्त 2022 में 462.5 मिलियन हो गए। और इसने आबादी के ऐसे बहुत बड़े वर्ग तक बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार किया है जो कि इससे वंचित थी। डिजिटलीकरण के बढ़ते अवसरों के जवाब में हम उद्यमों द्वारा विशेष रूप से बी2सी डोमेन में डिजिटल प्लेटफार्म और ‘अवसंरचना का भारतीय समूह’ (स्टैक) का व्यापक उपयोग देखते हैं।