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- अंकित सिंह
युवा किसी भी देश की असली संपत्ति होती है। युवाओं को सही दिशा दिखाना और रोजगार के अवसर सृजित करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। संविधान में नीति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 41 में प्रावधान किया गया है कि राज्य देश के युवाओं को योग्यतानुसार कार्य करने का अवसर उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश संविधान में दिए गए निर्देशों का अनुसरण करते हुए कार्य कर रही है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र है। जिसके सफलतम 4 महीने पूरे हो चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत 4695 जनसेवा मित्रों को ₹ 8000 प्रतिमाह मानदेय कि दर से चयन करके प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। अब इस राशि को बढ़ाकर ₹10000 कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं को प्रशासन के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करने का मौका मिल रहा रहा है, जिससे वे प्रशासन की गतिविधियों को समझ और सीख पा रहे हैं साथ ही जनता की समस्याओं को सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर पा रहे हैं। यह योजना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के सुशासन व्यवस्था को चरितार्थ कर रहा है।
इस योजना की सफलता का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र का दूसरा चरण भी जल्द प्रारंभ होगा। जिसके अंतर्गत पुनः 4695 जनसेवा मित्रों की नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र योजना राज्य सरकार के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच की गई थी। इसकी सफलता को देखते हुए एक लाख युवाओं को रोजगारोन्मुख योग्य बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना 4 जुलाई 2023 से प्रारंभ की जा रही है। इस योजना की घोषणा करते समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था “चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है, जिससे वे ऊँचे आसमान में उड़ सकें। हम भी हमारे प्रदेश के युवाओं को ओपन करेंगे जिससे प्रदेश के युवा रोजगार का सृजन कर सकें। अब यह योजना धरातल पर संचालित हो रही है, जिसके लिए पंजीयन जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हो गया है। इस योजना के अंतर्गत उन सभी विधाओं को शामिल किया गया है जिसमें रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत जिन विधाओं को शामिल किया गया है उसमें शैक्षणिक व्यवस्था के आधार पर उद्योगों को शामिल किया जाएगा। जिसके अंतर्गत सभी प्रकार के कानूनी प्रावधानों को शामिल किया गया है। इस योजना के अंतर्गत उद्योग संस्थाएं प्रशिक्षण संस्थानों के रूप में सीखो कमाओ योजना के पोर्टल पर जाकर के पंजीयन कर सकेंगे। और प्रशिक्षण के लिए छात्र अभ्यार्थी भी पोर्टल पर जाकर आवश्यक दस्तावेज के साथ पंजीयन कर सकेंगे। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15% की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना के क्रियान्वयन में ऐसे प्रतिष्ठानों को प्राथमिकता दी जा सकेगी जो इपीएफ की जानकारी प्रस्तुत करेंगे।