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- योगेश कुमार
डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता रहा है। देश के अनेक राज्यों में अब हर साल डेंगू का प्रकोप देखा जाने लगा है, हजारों लोग डेंगू से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं, जिनमें से कई दर्जन लोग मौत के मुंह में भी समा जाते हैं। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। हालांकि डेंगू की दस्तक तो हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है और तभी हमारी सरकारें तथा स्थानीय प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से जागते हैं। प्रतिवर्ष मानसून के बाद देशभर में डेंगू के कई हजार मामले सामने आते हैं। डेंगू की दस्तक के बाद डॉक्टरों व प्रशासन द्वारा आम जनता को कुछ हिदायतें दी जाती हैं लेकिन डॉक्टर व प्रशासन इस मामले में खुद कितने लापरवाह रहे हैं, इसका उदाहरण डेंगू फैलने के बाद भी कमोवेश सभी राज्यों में जगह-जगह पर फैले कचरे और गंदगी के ढ़ेर तथा विभिन्न अस्पतालों में सही तरीके से साफ-सफाई न होने और अस्पतालों में भी मच्छरों का प्रकोप हर साल देखकर स्पष्ट रूप से मिलता रहा है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम यही रहता है कि ऐसी कोई बीमारी फैलने के बाद एक-दूसरे पर दोषारोपण कर जिम्मेदारी से बचने की होड़ दिखाई देती है। डेंगू का प्रकोप अब पहले के मुकाबले और भी भयावह इसलिए होता जा रहा है क्योंकि अब डेंगू के कई ऐसे मरीज भी देखे जाने लगे हैं, जिनमें डेंगू के अलावा मलेरिया के भी लक्षण होते हैं और दोनों बीमारियों के एक साथ धावा बोलने से कुछ मामलों में स्थिति बेहद खतरनाक हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों से डेंगू के कुछ ऐसे मामले भी सामने आने लगे हैं, जब सप्ताह भर बाद ही रोगी के शरीर में ज्यादातर अंग काम करना बंद कर देते हैं और रोगी दम तोड़ देता है। कुछ ऐसे मरीज भी देखे जाते हैं, जिनमें डेंगू के शिकार होने के बावजूद बुखार और तेज सिरदर्द जैसे डेंगू में आम लक्षण नदारद होते हैं। ऐसे मरीज केवल शारीरिक थकान की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचते हैं, जहां उनमें रक्त जांच के बाद डेंगू की पुष्टि होती है। आमतौर पर सामने आने वाले लक्षणों रहित ऐसे मामले अब डॉक्टरों के लिए भी परेशानी का सबब बनने लगे हैं। डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो ऐडीस मच्छर के काटने से होती है, जो हमारे घरों के आसपास खड़े पानी में ही पनपता है। ऐडीस मच्छर काले रंग का स्पॉटेड मच्छर होता है, जो प्रायः दिन में ही काटता है। डेंगू का वायरस शरीर में प्रविष्ट होने के बाद सीधे शरीर के प्रतिरोधी तंत्र पर हमला करता है।