आचार्य विष्णु हरि
इतनी क्रूर हत्या और इतना प्रताड़ना किसी सभ्य शासक या फिर संवेदनशील मनुष्य कर ही नहीं सकता है। इतनी क्रूर हत्या और इतना खतरनाक तथा आत्मा को कंपकपा देने वाली करतूत किसी हिंसक तानाशाह और वहशी मनुष्य ही कर सकता है। संदर्भ महान लोकतंत्रवादी और तानाशाह विरोधी नायक एलेक्सी नवलेनी की हत्या का है। रूस का सार्वजनिक वकत्व्य है कि नवेलनी की मृत्यु हुई है, नवेलनी की स्वाभाविक मृत्यु हुई है, उसे किसी भी प्रकार का चोट या फिर नुकसान नहीं पहुंचाया गया था, अचानक उसका स्वास्थ खराब हुआ और मिनटों में उसके प्राण निकल गये, बचाव का अवसर तक नहीं मिला। लेकिन दुनिया जानती है कि यह सब सिर्फ और सिर्फ झूठ है, विश्व समुदाय के अंदर उपजी हुई प्रतिक्रिया, विरोध को शांत करना या फिर उस पर पानी डालना है। ब्लादमिर पुतिन का रूस अपनी सफाई में चाहे जितने भी तर्क दे, अपने आप को हरिशचन्द्र घोषित कर दे तो भी परिस्थितियां उसके गुनाह और करतूत को बेनकाब करने के लिए काफी हैं। सच तो यह है कि अपनी हत्या के बाद भी पुतिन के लिए नवेलनी संकट के कारण बने रहेंगे, विरोध के कारण बने रहेंगे, छबि भंजन के कारण बने रहेंगे, ब्लादमिर पुतिन को एक क्रूर, खतरनाक और मनुष्यता विरोधी छबि सुधरने वाली नहीं है, उनकी गिनती स्टालिन, माओत्से तंुग जैसे तानाशाहों में होती रहेगी और इतिहास हमेशा उन्हें कठघरे में खडा करते रहेगा। यूक्रेन युद्ध की धृणा और पाप का बोझ पुतिन पहले से ही लेकर चल रहे हैं। लोकतंत्र विरोधी पुतिन से वीटो का अधिकार वापस लेना चाहिए।
नवलेनी की क्रूर और खतरनाक हत्या आप जानेंगे तो आपका भी पुतिन की मनुष्यता पर से विश्वास उठ जायेगा। हत्या के अनेको प्रयास विफल हुए थे। एक विदेशी यात्रा के दौरान पुतिन के जासूतों ने उन्हें जहर दे दिया था। जहर से नवेलनी का स्वास्थ बहुत खतरनाक हो गया था, जिंदगी बचने की उम्मीद लगभग समाप्त हो गयी थी। लेकिन जर्मनी के डाॅक्टरों ने उन्हें बचाया और जहर के प्रभाव से मुक्त कराया था। इस जहर कांड में भी पुतिन ने झूठ बोला था और कहा था कि उसके जासूसों ने जहर नहीं दिया है और हमनें हत्या की कोशिश नहीं की है। दुनिया के स्वतंत्र जांच कर्ताओं ने भी माना था कि हत्या के ख्याल से ही जहर दिये गये थे और यह करतूत पुतिन की ही करतूत थी। अमेरिका और यूरोप ने इस जहर कांड को लेकर काफी त्रीवता दिखायी थी और पुतिन की आलोचना की थी, पुतिन की लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई को मानवता विरोधी घोषित किया था।
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