प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कमर कस ली है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से रिकॉर्ड सातवीं बार प्रस्तुत बजट में इसकी झलक दिखायी दे रही है। यह मोदी सरकार का 13वां बजट है, जिसमें गरीब, महिला, युवा और किसानों का ध्यान रखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की यह विशेषता है कि उन्होंने चुनाव के दबाव में भी लोकलुभावन बजट नहीं बनाया था और वर्तमान परिस्थितियों में भी बजट में संतुलन को साधकर रखा है। मोदी सरकार ने ऐसा बजट प्रस्तुत किया है, जो सबको भा रहा है। यहाँ तक कि कुछ बातों को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने भी बजट की प्रशंसा की है। ऐसा कम ही होता है कि विपक्षी दल सरकार के बजट की थोड़ी भी प्रशंसा करे। अमूमन विपक्ष बजट को बोगस ही बताता है। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा सरकार ने उनके घोषणा पत्र ‘न्याय पत्र’ के कुछ बिन्दुओं को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, यह सच नहीं है। मोदी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए वायदों को पूरा करने पर जोर दिया है। महिलाओं, किसानों, युवाओं और गरीबों का सशक्त करने का संकल्प साफ तौर पर बजट में दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं भी बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह गांव, गरीब और किसानों को समर्पित है। यह बजट देश को विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा। यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरी, कौशल विकास और अन्य सुविधाओं पर 2 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। यह राशि 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं लिए रोजगार के अवसर सृजित करने और अन्य सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे। इस साल शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पहली बार नौकरी में आनेवाले ऐसे युवाओं के पीएफ में सरकार 3 हजार रुपए तक योगदान करेगी, जिनका मानदेय एक लाख रुपये तक होगा। सरकार ने युवाओं को कौशल सिखाने पर जोर दिया है। सरकार युवाओं को इंटर्नशिप भी कराएगी और उन्हें सहयोग राशि भी देगी। इसके साथ ही महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है। खेती-किसानी में डिजिटल ढांचे को मजबूत करने के लिए विशेष प्रावधान बजट में किया गया है। आयकर में थोड़ी राहत देकर सरकार ने मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा लोगों को भी साधने का प्रयास किया है। हालांकि, आयकर में बड़ी छूट की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि लंबे समय से सरकार ने आयकर की श्रेणी को बदला नहीं है। निश्चित ही सरकार को आधारभूत संरचनाओं के लिए धन की आवश्यकता भी है। इस बजट में आधारभूत संरचनाओं की बड़े पैमाने पर घोषणाएं की गई हैं। आयकर सरकार की आय का बड़ा स्रोत है। बजट पर राजग सरकार की छाप भी दिखायी दी। सरकार ने बिहार और आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना कर दिया लेकिन दोनों ही राज्यों के विकास के लिए भरपूर राशि का आवंटन किया है। आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी का संकल्प अब साकार हो सकेगा। वहीं, बिहार विकास के नवीन पथ पर अग्रसर होगा। दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं अन्य नेताओं ने भी अपने राज्य के लिए किए गए बजट प्रावधान के लिए सरकार की प्रशंसा की है। कुलमिलाकर कहना होगा कि मोदी सरकार ने अपने 13वें बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा है। इसलिए यह बजट सबको भा रहा है।
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