- 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।
- मंदिर निर्माण पूर्ण होने की तिथि की घोषणा हो गई है।
अयोध्या । अयोध्या में राम मंदिर का पूरा निर्माण कब तक हो जाएगा इसकी तिथि की घोषणा हो गई है। गर्भगृह का काम करीब-करीब पूरा हो गया है। मंदिर के बाकी बचे हिस्सों का काम तेजी से चल रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृर्पेंद्र मिश्र ने सोमवार को राम जन्मभूमि परिसर में रामनवमी मेले की तैयारी बैठक की। उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने मंदिर के उन हिस्सों को देखा जहां निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्य मंदिर के परकोटे में निर्माण के लिए पत्थर की आवश्यकता होगी। ये पत्थर तराशे जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केंद्र का कार्य भी जल्द पूरा किया जाएगा। मंदिर का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। जनवरी 2025 से पूरा मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए उपलब्ध होगा।
ट्रस्ट ने खारिज की थीं अफवाहें
एक दिन पहले ट्रस्ट ने उन अफवाहों को खारिज किया था जिसमें कहा जा रहा था कि रामनवमी के बाद मंदिर के पूर्ण होने तक मंदिर को साधारण भक्तों के लिए बंद कर दिया जाएगा। मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद ही इसे खोला जाएगा। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया था कि किसी भी सूरत में मंदिर को बंद नहीं किया जाएगा। सामान्य तरीके से भक्तों को दर्शन होते रहेंगे।
राम नवमी की तैयारियां पूरी
नृर्पेंद्र मिश्र ने बताया कि रामनवमी के दिन 17 अप्रैल को 12:16 पर सूर्य की किरणें रामलला का अभिषेक 4 से 5 तक मिनट करेंगी। महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्था की जा रही है, ट्रस्ट मिलकर कार्य कर रहा है। वैज्ञानिक भी जुटे हुए हैं कि वह सफल हों, हम लोग पूरी तरह प्रयासरत हैं। कहा कि रामनवमी मेले की व्यवस्था जिला प्रशासन करता है। जिला प्रशासन के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी भी आश्वस्त हैं कि रामनवमी में जो श्रद्धालु आएंगे उनको सुविधाजनक ढंग से भगवान रामलला के दर्शन होंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुराने फैसले को संशोधित करते हुए केवल रामजन्मोत्सव के दिन यानी 17 अप्रैल को ही दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। अपने जन्मोत्सव के दिन रामलला तड़के 3:30 से रात 11 बजे तक भक्तों को दर्शन देंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया रामनवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः पांच बजे होगी। भगवान को भोग लगाने के समय पर अल्प काल के लिए पर्दा डाला जाएगा। रात 11 बजे तक दर्शन का क्रम चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी।
रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं तो दर्शन में सहूलियत मिलेगी। वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है। अब 19 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे। सुग्रीव किला के नीचे, बिड़ला धर्मशाला के सामने, श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से यात्री सेवा केंद्र बनाया गया है, जिसमें जन-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने से लेकर इलाज तक के इंतजाम हैं।