भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में 19.48 करोड़ रुपए निजी खाते में भेजने के मामले में धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाकर गबन करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी बनाए गए आरजीपीवी के रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत जर्मनी भाग गए हैं। प्रो. आरएस राजपूत का बेटा जर्मनी में पढ़ाई करने के बाद नौकरी करता है। बताया जाता है कि प्रकरण दर्ज होने की भनक लगते ही आरोपी राजपूत भोपाल से फरार हो गए थे। वहीं एफआईआर होते ही आरजीपीव के तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता और सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रण ऋषिकेश वर्मा भी फरार हैं।
तीनों फरार आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर पुलिस ने तीनों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में पुलिस ने अदालत में परिवाद भी दायर कर दिया है। हालांकि अभी अदालत में उक्त मामले की सुनवाई चल रही है। वहीं आरोपियों पर इनाम की राशि भी बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दी गई है। इधर प्रो. आरएस राजपूत के जर्मनी भागने की सूचना मिलने के बाद भोपाल पुलिस की एसआईटी अब इंटरपोल की मदद से राजपूत की गिरफ्तारी के प्रयास करने जा रही है।
कुलपति सुनील गुप्ता भी जा सकते हैं आस्ट्रेलिया
इधर इस पूरे गबन के मामले में नामजद आरोपी बनाए गए आरजीपीवी के तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता को भी पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। एफआईआर होने के एक दिन बाद प्रो. गुप्ता के मोबाइल की अंतिम लोकेशन भोपाल में मिली थी, इसके बाद से उनका मोबाइल लगातार बंद आ रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मध्यप्रदेश सरकार के सख्त रवैये को देखते हुए आरोपियों को यह आभास हो चुका है कि उन्हें कोई रियायत नहीं मिलने वाली है। ऐसे में निलंबित कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता भी आस्ट्रेलिया भाग सकते हैं। पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली है कि प्रो. सुनील गुप्ता के कुछ परिजन व बच्चे आस्ट्रेलिया में रहते हैं।
इस सूचना के बाद पुलिस लगातार उनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। इधर पुलिस तीनों मुख्य आरोपियों की सुपत्ति भी कुर्क करने के लिए अदालत में मजबूती से अपना पक्ष प्रस्तुत कर रही है। ज्ञात हो कि इस मामले में निजी बैंक के कर्मचारी कुमार मयंक सहित दो आरोपी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।