इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल मंगलवार से शुरु होकर 17 अप्रैल महानवमी को समाप्त होगी। इस बार की चैत्र नवरात्रि पूरे 9 दिनों की रहने वाली हैं, जो बहुत ही खास है क्योंकि इस वर्ष की चैत्र नवरात्रि में 30 साल बाद अति दुर्लभ अमृत सिद्धि योग बन रहा है। जो इस नवरात्रि को और भी शुभ फलदायी बना देगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी जी का कहना है कि इन चैत्र नवरात्रि पर 30 साल बाद जो अमृत सिद्धि योग बन रहा है जिसमें शश योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अश्विनी नक्षत्र का सुंदर संयोग बनेगा। चैत्र नवरात्रि के दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 32 मिनट से शुरु होकर 19 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि पहले दिन 9 अप्रैल मंगलवार को प्रात:काल से रेवती नक्षत्र शुरु होगा जो 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। उसके बाद अश्विनी नक्षत्र सुबह 07:32 से अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 31 मिनट से शुरु होकर 5 बजकर 17 मिनट तक रहेगा, इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 से शुरु होगा जो दोपहर के 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा जो चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना के लिए बहुत ही शुभ मुहूर्त हैं, इस दिन आप घटस्थापना कर सकतें हैं। इसके साथ ही इस दिन सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक चंद्रमा मीन राशि में रहेगा, इसके बाद मेष राशि में विद्यमान हो जाएगा।
आज से ही प्रारंभ हुई सृष्टि की रचना
ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि ‘चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्ज प्रथमे अहनि। शुक्ल पक्षे समग्रेतु सदा सूर्योदये सति।’ इसका मतलव है कि ब्रह्म देव ने इस सृष्टि की रचना चैत्र मास के पहले दिन और पहला सूर्योदय होने पर की थी और पौराणों में भी कहा जाता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन (शुक्ल प्रतिपदा तिथि) ब्रह्म देव जी ने इस सृष्टि की रचना करना शुरु की थी। इस दिन से ही वासंतिक नवरात्रि प्रारंभ होती है।
शुभ संयोग है आपके लिए शुभ फलदायाक
ज्योतिष का कहना है कि चैत्र नवरात्रि में बने दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो भी कार्य करोगे, वह कार्य जरूर सिध्द होगा। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन आप जो भी मनोकामना अपने मन में लेकर सर्वार्थ सिद्धि योग में माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करोगे, तो आपकी मनोकामना जरूर सिद्ध होगी। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग में भी किसी भी शुभ कार्य को करना अतिशुभ फलदायाक होगा।
By Shalini Chourasiya