सुदेश गौड़। भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं राम मंदिर के निर्माण के लिए सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा निकालने वाले लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की ही कृपा से प्राप्त हुआ है। राजनीतिक नेपथ्य में रह रहे आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए, ऐसा संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए किए जा रहे अनुष्ठान के दौरान कर लिया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव जी गिरी ने प्रधानमंत्री मोदी की आध्यात्मिक प्रतिबद्धता और अनुष्ठान के सख्त नियमों की पालना के लिए सराहना करते हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान कहा था कि उन्होंने जो कठोर उपवास और ध्यान किया है, वह धर्माचार्यों द्वारा निर्धारित अपेक्षाओं से कहीं अधिक था।
निर्मोही अखाड़े के संत स्वामी गोविंद देव जी गिरी ने 22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुष्ठान के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि हम लोगों ने प्रधानमंत्री को तीन दिवसीय अनुष्ठान के लिए परामर्श दिया था पर उन्होंने पूरे 11 दिन का अनुष्ठान रखा था, ऐसा कठोर अनुष्ठान कोई राजर्षि ही कर सकता है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना शिवाजी महाराज से भी की थी। उन्होंने बताया था कि इस अनुष्ठान के दौरान खान-पान, वस्त्र, आसन, निद्रा संबंधी अनेक नियम बताए गए थे जिनका उन्होंने पूर्ण श्रद्धा के साथ निर्वहन किया। उनसे इस दौरान विदेश यात्रा से भी बचने को कहा गया था ताकि संसर्ग दोष से निवृत्त रहा जा सके। अनुष्ठान के लिए यह तो बाह्य नियम थे, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण था कि स्वयं को इस दौरान क्रोध, ईर्ष्या, घृणा, दंभ, अहंकार, कुंठा आदि से भी सुरक्षित रखा जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान अपने दिव्य देश का प्रवास किया और नासिक से यात्रा आरंभ कर गुरुवायुर होते हुए श्रीरामेश्वरम तक दर्शन करने व आह्वान करने गए और अपने संकल्प की सिद्धि के लिए प्रार्थना भी की। इस दौरान उन्होंने एकांत चिंतन व मनन किया जिसके तहत आज यह महत्वपूर्ण घोषणा की गई।
राम मंदिर मुद्दे को जनमानस तक ले जाने का श्रेय इसी रथयात्रा को जाता है। 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से शुरू हुई इस यात्रा से भारतीय जनता पार्टी को जहां एक ओर मजबूत धरातल मिला वहीं भारतीय राजनीति में हिंदुत्व का मुद्दा एक सशक्त शक्तिपुंज के रूप में उभरा। 30 अक्टूबर 1990 को अयोध्या में संपन्न होने वाली इस यात्रा में बाधा डालते हुए 23 अक्टूबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के बाद भारत रत्न पाने वाले भाजपा के दूसरे नेता हैं आडवाणी।
2014 में लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार बनने पर लाल कृष्ण आडवाणी राजनीतिक नेपथ्य में चले गए थे। भारतीय जनता पार्टी में उनकी महती भूमिका के मद्देनजर राजनीतिक हल्कों में उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें शायद राष्ट्रपति बना दिया जाए पर समय के साथ यह खबर भी सच साबित नहीं हुई। 2019 में राम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के उपरांत अब अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी उनके आगमन की प्रतीक्षा की जा रही थी पर प्रतिकूल स्वास्थ्य के चलते हुए नहीं आ सके।