जेल की सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने रामपुर में आजम खान की जौहर ट्रस्ट से जमीनों को वापस ले लिया है। उन पर नियमों को ताक पर रखकर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का आरोप था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को इस मामले में फैसला लिया। बताया जाता है कि जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तो उसी दौरान आजम खान के जौहर ट्रस्ट को यह जमीन दी गई थी। इस पर फिलहाल एक पब्लिक स्कूल संचालित हो रहा है।
बता दें कि आजम खान, उनकी बीवी और बेटा अब्दुल्ला तीनों पहले से ही दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में जेल में बंद हैं। आजम परिवार को हाल ही में इस मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई थी। अब जौहर ट्रस्ट में गोलमाल करने के मामले में भी उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।
आयकर विभाग ने भी कसा शिकंजा
इस बीच अब आयकर विभाग ने भी आजम खान और ठेकेदार फरहत अली के साथ संबंधों के मामले अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आईटी डिपार्टमेंट सपा नेता और फरहत अली के रिश्ते, ट्रांजेक्शन और आजम खान को मिले चंदे के साथ ही इस मामले की जांच कर रही है कि आजम खान ने किस तरह से फरहत अली को फायदा पहुंचाया था। दरअसल, आयकर विभाग को पता चला है कि जौहर यूनिवर्सिटी को बनवाने के लिए जौहर ट्रस्ट को भारी-भरकम चंदा मिला था। आशंका इस बात की है कि इस चंदे के खेल में चोरी का बड़ा खेल हुआ था।
गौरतलब है कि बीते 28 अक्टूबर को आयकर विभाग ने आजम के करीबियों पर छापेमारी की थी। उसी दौरान फरहत अली आयकर विभाग की रडार पर आया था। जांच एजेंसी ठेकेदार के यहां से डायरी, पेन ड्राइव, फोन और हार्ड डिस्क को जब्त किया था। जानकारी पता चली है कि कुछ ठेकेदार ऐसे भी हैं, जिन्होंने दस्तावेजों में सड़क बनाने के लिए ठेका लिया और फिर जौहर यूनिवर्सिटी में निर्माण कराया।