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- डॉ. सत्येन्द्र शरण
इसी साल नवम्बर माह में ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता के लिये एक ऐसे अनूठे उदाहरण की जानकारी दी जो वाकई अचम्भित करने वाली थी। प्रधानमंत्री ने इस दिन एक दिव्यांग बालक का उल्लेख करते हुये कहा कि ‘‘हमारे दिव्यांग भाई-बहन दृढ़ निश्चयी हैं, सामर्थ्यवान हैं, साहसिक और संकल्पवान हैं। …ये दिखाता है कि स्वच्छता की न कोई उम्र होती है, न कोई सीमा। बच्चा हो या बुजुर्ग, महिला हो या पुरुष, स्वच्छता सभी के लिए जरूरी है और स्वच्छता के लिए हर किसी को कुछ-न-कुछ करने की भी जरूरत है। मध्यप्रदेश के एक आठ वर्षीय दिव्यांग बालक तुषार ने अपने गाँव को खुले में शौच से मुक्त कराने का बीड़ा उठा लिया।’’
इस बालक तुषार को स्थानीय नगर परिषद ने स्वच्छ भारत अभियान के लिये ब्रांड एम्बेसडर बनाया। मन की बात में दिसम्बर 2017 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में स्वच्छता के लिये अनोखे प्रयास का उदाहरण देते हुये कहा कि केरल के विश्व-प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में, भगवान अय्यप्पा स्वामी का आशीर्वाद लेने के लिए हर वर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं। पुलिस ऑफिसर पी. विजयन ने पुण्यम पुन्कवनम, एक प्रोग्राम शुरू किया और उस प्रोग्राम के तहत स्वच्छता के लिए जागरूकता का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया और एक ऐसी परम्परा बना दी कि जो भी यात्री आते हैं, उनकी यात्रा तब तक पूरी नहीं होती, जब तक कि वो स्वच्छता के कार्यक्रम में कोई-न-कोई शारीरिक श्रम न करते हों।
देश के प्रधानमंत्री जब किसी अभियान में अगुआ होकर खुद शामिल होते है तो अभियान की परिणति सौ प्रतिशत तय रहती है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं झाड़ू उठाकर आदर्श रखा है। इससे पहले स्वच्छता के लिये देष में सफाई करते और स्वयं अपनाये हुए केवल एक ही नेतृत्व सामने आया था और वह थे महात्मा गांधी । इसके बाद केवल श्री नरेन्द्र मोदी ने ही स्वच्छता आंदोलन के लिये नेतृत्व दिया है। आंदोलन का आरम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास सफाई करके अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं झाड़ू उठाई। इसे एक जनआंदोलन बनाते हुये मंत्र दिया ‘‘ना गंदगी करेंगे, ना करने देंगे’। उन्होंने अभियान में शामिल होने के लिये लोगों से अनुरोध किया।
उन्होंने वाराणसी में सफाई अभियान चलाया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के तहत वाराणसी के अस्सी घाट में गंगा नदी के पास कुदाल से साफ-सफाई की। स्थानीय लोगों के एक बड़े दल ने स्वच्छ भारत अभियान में उनका साथ दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महाबलीपुरम में मॉर्निंग वॉक के लिये सुबह समुद्र तट पर पहुंचे और जब समुद्र किनारे कचरा और कूड़ा देखा तो उन्होंने यहाँ खुद स्वच्छता अभियान चलाया और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। ऐसे कई स्थानो आंदोलन का कांरवां बढ़ता गया और देश भर के लोग उससे जुड़ते गये। सरकारी अधिकारियों से लेकर जवान, अभिनेता, खिलाड़ी, उद्योगपति, अध्यात्मिक गुरु जैसे लोग शामिल होते गये। स्वच्छता के अभियान का बढ़ते हुए कारवां ने नौ साल पूरे कर लिये हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की नौंवी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा-2023 का आयोजन किया किया गया। इसके साथ ही स्वच्छता ही सेवा-2023 का लोगो,, वेबसाइट और पोर्टल भी लान्च किया गया। इस मौके पर ‘इंडियन स्वच्छता लीग (आईएसएल) 2.0 सफाई मित्रसुरक्षा शिविर लोगो और ‘नागरिक पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया। स्वच्छता ही सेवा-2023 का मूल विषय ‘‘कचरा मुक्त भारत’’ रखा गया।
पखवाड़े में स्वच्छता के लिए जन आंदोलन में करोड़ों लोग शामिल हुये। विभिन्न शहरों में प्लॉग रन, स्वच्छता रैलियां, प्रतिज्ञाएं, जागरूकता कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, रंगोली प्रतियोगिताएं, दीवार कला, समुद्र तट की सफाई, प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों, पुराने अपशिष्ट स्थलों, जल निकायों आदि पर सफाई अभियान आयोजित किए गए। पखवाड़ा के दौरान, लगभग 5000 सार्वजनिक स्थान, 1000 कचरा असुरक्षित स्थलों, 500 से अधिक समुद्र तटों, 600 जल निकायों, 300 से अधिक पर्यटक स्थलों को भी साफ किया गया है।
मन की बात के 105वें एपिसोड में माननीय प्रधानमंत्री ने 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से स्वच्छता के लिए 1 घंटे के श्रमदान की अपील की, जो गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर ही बापू को ‘स्वच्छांजलि‘ होगी। स्वच्छता ही सेवा अभियान पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने आह्वान किया- आप भी समय निकालकर स्वच्छता से जुड़े इस अभियान में सहयोग करें। आप भी अपनी गली, आस-पड़ोस… किसी पार्क, नदी, झील या किसी अन्य सार्वजनिक स्थान पर इस स्वच्छता अभियान में शामिल हो सकते हैं।” इस अपील का असर यह हुआ कि करोड़ों लोग स्वच्छता के लिये एक घंटे के श्रमदान के लिये 1 अक्टूबर को सुबह से ही निकल पड़ें। गांधी जयंती के एक दिन पहले 1 अक्टूबर को ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं भी श्रमदान किया। फिटनेस इन्फ्लुएंसर अंकित बैयनपुरिया उनके साथ थे।
श्री मोदी ने कहा, स्वच्छता के साथ स्वस्थ भारत की ओर बढ़ना होगा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के पोर्टल के अनुसार पखवाड़े के दौरान 89 करोड़ से अधिक लोगों ने सहभागिता की। इस दौरान 11 लाख 63 हजार से अधिक गतिविधियों आयोजित की गई वहीं 4 अरब 759 करोड़ 81 लाख 53 हजार से अधिक मानव घंटे स्वच्छता सेवा की गई जो अतुलनीय है।