Home » शनि देव की साढ़े साती होती है बेहद दुखदायी, शनि दोष से बचाएंगे ये आसान उपाय

शनि देव की साढ़े साती होती है बेहद दुखदायी, शनि दोष से बचाएंगे ये आसान उपाय

ज्योतिष शास्त्र में शनि को अशुभ और क्रूर ग्रह माना जाता है। इन्हें कर्मफलदाता कहा जाता है जो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल देते हैं। अगर शनिदेव मेहरबान हों तो व्यक्ति जीवन में खूब सफलता हासिल करता है। यदि शनि अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को जीवन में लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर शनि की साढ़ेसाती व्यक्ति का सुख-चैन छीन लेती है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है।

शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय

  • शनि की साढ़े साती से बचने के लिए शनि का मंत्र “ओम शं शनैश्चराय नमः” बहुत लाभकारी माना जाता है। इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से शनि की साढ़ेसाती के नकारात्मक प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
  • शनिदेव को काले तिल अत्यंत प्रिय हैं। मान्यता है कि शनिवार के दिन काले तिल का दान करने से शनि की महादशा और साढ़ेसाती से राहत मिलती है।
  • नीलम रत्न धारण करने से शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। हालाँकि, किसी भी रत्न को पहनने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी है।
  • शनिवार के दिन शनि की पूजा करने से शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव को दूर करने का अचूक उपाय माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • शनिवार के दिन दान कार्य करने या गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने से भी शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। शनिदेव को लोहा, तिल, सरसों का तेल और छाया का दान बहुत प्रिय है। मान्यता है कि इन चीजों का दान करने से क्रोधित शनिदेव शांत हो जाते हैं।
  • शनिवार के दिन शमी या पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसके नीचे दीपक जलाएं। ये दोनों वृक्ष शनिदेव को अत्यंत प्रिय हैं। इनकी पूजा से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

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