हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होने वाला पितृ पक्ष इस वर्ष 29 सितंबर 2023 शुक्रवार से शुरू हो रहा हैं। बता दे, कि यह भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से अश्विन अमावस्या तक पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण इत्यादि कार्य किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति प्राप्त होती है साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। पितृपक्ष की अवधि में दान का भी विशेष महत्व है इससे व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते है क्या है पितृ पक्ष मे दान करने का महत्व और किन चीजो के दान से होगी किस फल कि प्राप्ती।
पितृ पक्ष मे दान करने का महत्व
पितृ पक्ष में पितर स्वर्ग लोक से धरती पर आते हैं और 16 दिनों तक अपने वशंजों के साथ वास करते हैं। पितृ पक्ष का समय पितरों को खुश करने का समय होता है। इस दौरान किया धर्म-कर्म, पूजा-पाठ कई समस्याओं का समाधान कर सकता हैं। मान्यता यह भी है कि पितृपक्ष की अवधि में दान-पुण्य करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है और दान पुण्य करने से न सिर्फ पितृ की आत्मा को शांति मिलती है बल्कि पितृ प्रसन्न होते हैं और जिन जातकों की कुंडली में पितृदोष के कारण समस्याएं उत्पन्न हो रही होती हैं उन्हें भी पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है।
पितृपक्ष मे कर सकते है इन चीजों का दान
- शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष की अवधि में गौदान को सबसे श्रेष्ठ दान माना जाता है। मान्यता है कि गौ माता का दान करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितरों को श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
- महाभारत में यह भी बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में मिठास आती है और पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती है।
- श्राद्ध पक्ष के दौरान गाय के घी का दान अवश्य करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष है, उन्हें भी विशेष लाभ प्राप्त होता है।
- पितृपक्ष में चावल और तिल का विशेष प्रयोग किया जाता है। इसलिए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को पितृपक्ष की अवधि में गेहूं, चावल अथवा तिल का दान अवश्य करें। ऐसा करने से पितृ दोष समाप्त होता है। साथ ही विभिन्न प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान स्वर्ण दान को बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इसलिए सामर्थ्य अनुसार व्यक्ति स्वर्ण दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में उत्पन्न हो रहा विवाद दूर होता है।
- धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक पितृपक्ष के दौरान , सामर्थ के अनुसार आप स्वर्ण भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से पारिवारिक जीवन में उत्पन्न हो रहे विवाद से मुक्ति मिलती हैं।