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- नरेंद्र सिंह तोमर
साहस, दूरदर्शिता और ईमानदारी से उठाए गए बड़े कदम सदैव क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आते हैं। किसी भी राष्ट्र के इतिहास में ऐसे व्यापक परिवर्तन तभी दृष्टिगोचर होते हैं जबकि उसे एक प्रभावी, कुशल, संवेदनशील और दृढ़प्रतिज्ञ नेतृत्व प्राप्त होता है। यह भारत उदय का समय है। स्वतंत्रता के सात दशक बाद हम एक बार फिर अपने उस पुरा वैभव को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है, जिसमें भारत को सोने की चिडि़या कहा जाता था, हमारे ज्ञान-विज्ञान से संपूर्ण विश्व अभिभूत था और हमारी समृद्धि जन-जन के खुशहाल चेहरों पर परिलक्षित होती थी। ‘मोदी युग’ में आज पृथ्वी से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का यशगान है। वैश्विक स्तर पर हमारी छवि एक ऐसे कुशल, कर्मठ और प्रगति की ओर तीव्रता से अग्रसर राष्ट्र के रूप में बनी है, जिसे दुनिया का कोई भी देश आज नजरअंदाज नहीं कर सकता है। वस्तुत: इसकी पृष्ठभूमि में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के पदचिन्ह हैं, भारत के गौरव के ये चिन्ह चंद्रमा की सतह पर भी अंकित हो रहे हैं और विश्वकुल में भी स्पष्ट नजर आ रहे हैं।
‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश के साथ जी-20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारत ने हाल ही में दुनिया की 80 फीसदी शक्ति संपन्न राष्ट्रों के प्रमुखों की मेजबानी की है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर रहा जब इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्राध्यक्ष भारत पहुंचे और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथ से हाथ मिला कर ‘वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर’ के संकल्प को आत्मसात किया। जी-20 शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय वैश्विक फलक पर दूरगामी परिणाम लेकर आएंगे और इसमें हमारी गर्वानुभूति भी सम्मिलित रहेगी कि यह सफल आयोजन भारत की पावन भूमि पर हुआ।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की हालिया अंतरराष्ट्रीय यात्राओं ने भारत के दुनिया के शक्तिसंपन्न राष्ट्रों के साथ संबंधों को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित करने वाले मोदी तीसरे वैश्विक नेता बनकर वे नेल्सन मंडेला और विंस्टन चर्चिल के प्रतिष्ठित वर्ग में शामिल हुए हैं। मिस्त्र यात्रा के दौरान वहां का सर्वोच्च सम्मान ‘ आर्डर ऑफ द नाइल’ दर्शाता है कि मोदी जी की प्रतिष्ठा वहां कितनी ज्यादा है। इसी तरह प्रधानमंत्री जब फ्रांस गए तो वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रान ने उन्हें फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ‘ ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया। संयुक्त अरब अमिरात में भी मोदी एक लोकप्रिय नेता के रूप में प्रतिष्ठित हुए। मोदी जी को मिलने वाला यह सम्मान वस्तुत: भारत का सम्मान है, जो सदियों के बाद एक बार फिर दुनिया से हमें मिलना प्रारंभ हुआ है।
चंद्रमा की धरती पर चंद्रयान-3 मिशन की सफलता सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण में नि:संदेह इसरो के वैज्ञानिकों का अथक परिश्रम और ज्ञान संलिप्त है, किंतु अंतरिक्ष में हमारे बढ़ते कदम और विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी में वैश्विक स्तर पर हमारी बढ़ती साख के पीछे मोदी जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा लिए गए प्रगतिशील नीतिगत निर्णय अवश्य है।
वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ने वाले मोदी जी के मन में सदैव भारत बसता है। यहां के जन-जन के कल्याण की चिंता और राष्ट्रप्रथम का भाव उनके अंत:करण में सबसे ऊपर रहता है। मोदी जी की प्रथम प्राथमिकता गांव, गरीब, किसान और समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के कल्याण की रहती है और उनके मार्गदर्शन में विगत एक दशक में सरकार ने इस संकल्प को पूरा भी किया है। इन वर्षों में 83 करोड़ से अधिक आबादी वाले ग्रामीण भारत की तस्वीर में हुए कायाकल्पों ने ग्रामीण जीवन को भी सुविधाओं से सुलभ और बेहतर बनाया है।
मोदी जी के नेतृत्व में पं. दीनदयाल उपाध्याय की के ‘अंत्योदय’ के संकल्प को सिद्ध करते हुए आज देश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालें के कल्याण के लिए जो कदम उठाए गए उसका सुपरिणाम है कि गरीबी में जीवन यापन करने वालों की संख्या 22 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत तक आ गई है और अत्यंत गरीबी रेखा की दर भी एक प्रतिशत के नीचे जा पहुंची है। हर घर जल के संकल्प के साथ आज 13 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नज से शुद्ध पेयजल पहुंच रहा है जो कि कुल आबादी का 67 फीसदी है। साढे़ 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निमार्ण से आज ग्रामीण भारत में स्वच्छता कवरेज सौ फीसदी है। 3.31 गांव ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत हर आवासहीन ग्रामीण को अपनी पक्की छत का सपना पूरा करने की दिशा में अब तक 2.41 करोड़ मकान बनाए गए हैं। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को जोड़ लें तो यह आकड़ा चार करोड़ आवासों से ज्यादा है।
रोजगार के सशक्तिकरण एवं निम्न वर्ग को आजीविका से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से 43 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं। ग्रामीणों को उनके मकान का अधिकार अभिलेख देकर सशक्त बनाने के लिए स्वामित्व योजना के तहत अब तक सवा करोड़ से अधिक परिवारों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं।
कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जो कदम उठाए गए वे अभूतपूर्व हैं। किसानों की आय का सशक्तिकरण कर उसे आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अब तक 14 किस्तें जारी कर दी गई हैं जिसमें देश के 12 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की जा चुकी है।
मोदी जी के प्रयत्नों एवं मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। मिलेट यानि श्रीअन्न की खेती को मिल रहे प्रोत्साहन से एक ओर जहां हमारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होंगी वहीं देश के छोटे एवं मझौले किसानों की भी आर्थिक स्थिति सशक्त होगी। श्रीअन्न जलवायु परिवर्तन के दौर में एक दूरगामी कदम है। प्राकृतिक खेती को लेकर मोदी जी के नेतृत्व में जो प्रयास किए जा रहे हैं वे भी ऐतिहासिक हैं।
किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है जब उसके कार्यों का प्रभाव सदियों तक रहता है। मोदी जी के नेतृत्व में देश अब एक राष्ट्र–चुनाव और समान नागरिक संहिता जैसे बड़े संकल्पों की सिद्धी की ओर अग्रसर है। ये कदम देश की अखंण्डता को अक्षुण्ण रखने के लिए सामयिक एवं प्रासंगिक हैं।
मोदी जी जैसा नेतृत्व सदियों में प्राप्त होता है। हम आने वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में विकसित भारत के संकल्प को साकार करेंगे ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है।