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हेट स्पीच को लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग से की मांग, कांग्रेस ने कहा – 1000 वोट से जीत हार होने पर दोबारा मतगणना हो

भोपाल। चुनाव आयोग से मध्य प्रदेश के नेताओं ने कहा है कि आयोग हेट स्पीच पर अपनी कार्रवाई की स्थिति स्पष्ट करें क्योंकि चुनाव के दौरान आवाज बदलकर हेट स्पीच के मामले सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही भाजपा द्वारा घोषित किए गए कैंडिडेट्स के क्षेत्र में मुख्यमंत्री द्वारा कराई जा रहे सरकारी कार्यक्रमों को चुनावी खर्चे में जोड़ने की मांग भी की गई है। आयोग से राजनीतिक दलों ने ईवीएम और बैलेट पेपर पर थंब सिस्टम लागू कर वोटिंग करने की मांग की है ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके। इसके अलावा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को भी चुनाव के पहले सेवा से मुक्त करने की मांग आयोग से की गई है ताकि निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। विपक्षी दलों ने आयोग से कहा है कि जिन मतदान केदो में जिन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव परिणाम 1000 वोट से निर्णित हों वहां पर दोबारा काउंटिंग कराई जानी चाहिए।
इस तरह के सुझाव मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार समेत चुनाव आयोग की फुल बेंच को सोमवार को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की ओर से दिए गए हैं।

हेट स्पीच पर आयोग तय करें स्पष्ट अभिमत- बीजेपी

भाजपा की ओर से चुनाव आयोग समन्वय विभाग के प्रदेश संयोजक एसएस उप्पल और भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक मनोज द्विवेदी की टीम ने आयोग के समक्ष उपस्थित होकर कहा है कि अनुपस्थित मतदाता के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा दी जानी चाहिए। बीजेपी की ओर से फैमिली वोटर स्लिप जारी करने की मांग भी आयोग से की गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि हेट स्पीच को लेकर अप्रैल 2023 में उच्चतम न्यायालय द्वारा फिर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं। चुनाव के दौरान आवाज बदलकर हिट स्पीच की स्थिति बन सकती है। इसलिए आयोग को इस मामले में स्पष्ट निर्देश जारी करना चाहिए। भाजपा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग पर भी रोक लगाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि डाक से डाक मत पत्र भेजने की व्यवस्था पर रोक लगाई जानी चाहिए। बीजेपी ने मतदान केंद्रों के युक्तियुक्तकरण की भी मांग आयोग से की है।

1000 वोट से जीत -हार होने पर दोबारा काउंटिंग हो, सीएस को हटाएं- कांग्रेस

कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में आयोग को सुझाव सौंप गए। पूर्व‌‌‌‌ सीएम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और उनकी टीम ने 17 बिंदुओं पर आयोग को दिए सुझाव में कहा है कि जिन विधानसभा क्षेत्र में 1000 से कम वोट पर जीत- हार होती है वहां दोबारा मतगणना करने की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस दो बार सेवा वृद्धि ले चुके हैं और उनके कार्यकाल में निष्पक्ष चुनाव की संभावना नहीं है। इसलिए बैंस की सेवा समाप्त की जाए और योग्य अधिकारी को मुख्य सचिव नियुक्त कर निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं। आयोग से कांग्रेस ने कहा है कि मतदाता सूची त्रुटि पूर्ण है और सुधार नहीं हो पा रहे हैं। एक वोटर के नाम एक मतदान केंद्र में दो या अधिक स्थानों पर पाए जा रहे हैं। इसके साथ ही मतदाता सूची में लगाए गए फोटो धुंधले हैं, इससे वोटर की पहचान मुश्किल होती है।

कांग्रेस ने आयोग से कहा है कि भाजपा ने 39 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं और मुख्यमंत्री द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र में सरकारी खर्चे पर कार्यक्रम किया जा रहे हैं। इसलिए आयोग को ऐसे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों के चुनाव खर्च में सरकारी खर्च की राशि को जोड़ना चाहिए। कांग्रेस ने यह भी मांग की है कि प्रत्याशियों के चुनाव खर्च के लिए जो रेट लिस्ट जारी होती है वह बाजार मूल्य से व्यावहारिक नहीं होती। इसलिए उसे बाजार मूल्य के आधार पर व्यावहारिक किया जाना चाहिए। चुनाव में लगाए जाने वाले होर्डिंग में अनुमति पत्र नहीं लगे होते हैं, इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में तीन से चार साल से अधिक समय से अधिकारी कर्मचारी डटे हुए हैं उन्हें हटाया जाए और निष्पक्ष चुनाव कराया जाए। कांग्रेस ने मतदान केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और मतदान केंद्र के बाहर कम से कम एक कैमरा द्वार पर लगाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि चुनाव घोषणा के तुरंत बाद नाम जोड़ने और काटने पर रोक लगाई जानी चाहिए और प्रत्याशियों की सुविधा के हिसाब से लाउडस्पीकर से प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कांग्रेस ने वीवीपेट से निकलने वाली पर्ची मतदाता के हाथों में देने की व्यवस्था की मांग की है।

एक परिवार के सदस्यों का नाम एक ही बूथ में हो-आप

आम आदमी पार्टी की ओर से सुमित चौहान, सीपी सिंह और आरके चौरसिया निर्वाचन आयोग की मीटिंग में पहुंचे। आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने नगरीय निकाय चुनावों में हुई गड़बड़ी का जिक्र किया और विधानसभा चुनाव में इस विसंगति को दूर करने की मांग की। आम आदमी पार्टी के सुमित चौहान ने कहा कि निकाय चुनाव में एक ही घर के 5 सदस्यों को अलग- अलग 5 बूथों आवंटित किया गए थे जिससे वोटिंग को लेकर लोगो को परेशानी हुई। वहीं ग्रामीण इलाकों में फर्जी वोटर्स को लेकर भी वेरिफिकेशन कराने की मांग की गई।

फर्जी वोटिंग रोकने थंब सिस्टम लागू करे आयोग – बसपा

बहुजन समाज पार्टी की ओर से दिए गए सुझाव में कहा गया है कि ईवीएम और बैलेट पेपर में थंब सिस्टम लागू कर वोटिंग कराई जाए ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके। इससे सरकार को भी फायदा होगा। भाजपा ने 39 कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं और सरकार के खर्चे पर यहां विधानसभा क्षेत्र में प्रचार हो रहे हैं, इस पर रोक लगाई जाए। बसपा ने यह भी मांग की है कि हर मतदान केंद्र में सेंट्रल फोर्स के सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए ताकि स्थानीय पुलिसकर्मियों के दबाव को रोका जा सके। परिवार के सभी सदस्यों के नाम बूथ में एक ही जगह होने चाहिए। बसपा ने पर्ची में लगे फोटो पहचान में नहीं आने से फर्जी वोटिंग की संभावना जताई है और ईवीएम में गड़बड़ी की बात भी कही है।

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