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- कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने विवाद की सुनवाई के लिए पीठ का गठन करेगा।
- पानी छोड़ने की मांग करते हुए आवेदन दायर किया गया है जिसका आदेश कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने दिया है।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह कावेरी नदी जल बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने विवाद की सुनवाई के लिए पीठ का गठन करेगा। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मुकुल रोहतगी ने तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया था। रोहतगी ने कहा कि तमिलनाडु ने अगस्त महीने के लिए पानी छोड़ने की मांग करते हुए आवेदन दायर किया गया है, जिसका आदेश कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने दिया है।
कर्नाटक-तमिलनाडु का चल रहा विवाद
रोहतगी ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पीठ का गठन करना होगा। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैं एक पीठ का गठन करूंगा। कावेरी जल नियामक समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि कर्नाटक द्वारा तमिलनाडु को 15 दिनों के लिए प्रति दिन 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। 11 अगस्त को तमिलनाडु ने कहा था कि कर्नाटक हर दिन केवल 8,000 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी जारी करने के लिए तैयार है।