नई दिल्ली। आजादी के 77वें महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान किया था। जिसके बाद 24 घंटे के अंदर आज दिल्ली में हुई कैबिनेट बैठक में इसको मंजूरी मिल गयी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया इस योजना के लागू होने के बाद विश्वकर्मा समाज के साथियों को 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा, जिस पर उदार शर्तों के साथ अधिकतम 5 प्रतिशत तक का ब्याज लगेगा। उन्होंने कहा हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे वर्ग हैं, जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत पीढ़ी दर पीढ़ी काम करते आ रहे हैं। ये हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अहम हैं। इस वर्ग को एक नया आयाम देने के लिए विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत कौशल विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए 500 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। औजार खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की राशि मिलेगी।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी है। इस पर कुल 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों में शुरू की जाएगी।