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रेलवे का कायाकल्प

मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में रेलवे का बहुत विकास हुआ है। हम कह सकते हैं कि रेलवे की छवि बदलने और उसका कायाकल्प करने के प्रयास प्रारंभ हुए हैं। गतिमान से लेकर वंदेभारत जैसी तीव्र गति से चलनेवाली अत्याधुनिक ट्रेनें यात्रियों को मिली हैं। इसके साथ ही देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को नागरिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। रेलवे स्टेशनों को विकसित करने की कड़ी में 6 अगस्त सदैव याद रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना’ की शुरुआत करके ‘रेलवे के कायाकल्प’ की मजबूत नींव रख दी है। इस योजना के अंतर्गत देशभर के 1309 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने के लिए चुना गया है। पहले चरण में 508 स्टेशनों का विकास किया जा रहा है। ये विकसित रेलवे स्टेशन यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही रोजगार बढ़ाने के प्रयत्नों में भी प्रभावी होंगे। इस योजना के अंतर्गत सबसे अधिक रेलवे स्टेशन उत्तरप्रदेश (156) के हैं, जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश (80) है। रेलवे स्टेशनों के विकास के साथ दोनों ही राज्यों के विकास को भी पंख लगने की आशा व्यक्त की जा रही है। उल्लेखनीय है कि आजकल ‘मोदी के मन में मध्यप्रदेश’ खूब लोकप्रिय हो रहा है। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना में मध्यप्रदेश के 80 रेलवे स्टेशन शामिल किए जाने से आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा को यह सिद्ध करने में सहयोग मिलेगा कि प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के विकास को लेकर सजग हैं। प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और केंद्र में नरेन्द्र मोदी की जोड़ी का लाभ आगे भी मध्यप्रदेश को मिलेगा। बहरहाल, चुनावी गणित को एक ओर रख दिया जाए, तब भी यह मध्यप्रदेश के लिए सुखद है। याद हो कि राजधानी भोपाल के रानी कमलापति और भोपाल रेलवे स्टेशन के विकास से आम आदमी को कई प्रकार के लाभ हुए हैं। एक समय था जब भोपाल रेलवे स्टेशन पर गंदगी के कारण थोड़ी देर भी ट्रेन की प्रतीक्षा करना कष्टदायक रहता था, लेकिन साफ-सफाई से लेकर अन्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के सौंदर्य ने तो सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। एक और महत्व की बात है कि रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास में सरकार ने यह अवश्य ध्यान दिया है कि स्टेशन स्थानीय संस्कृति के प्रतिनिधि बनें, स्थानीय संस्कृति की झलक वहाँ के वास्तु में दिखायी दे। यह निर्णय न केवल अपनी संस्कृति का संरक्षण करेगा बल्कि इससे स्थानीय संस्कृति का संवर्धन ही होगा। सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में मोदी सरकार की भूमिका सर्वविदित है। सरकार द्वारा किये गये निर्माण कार्यों में संस्कृति सहेजना का संकल्प स्पष्टतौर पर दृष्टिगोचर होता है। भारत की नयी संसद इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहाँ मोदी सरकार ने प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत को भली प्रकार अभिव्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि रेलवे के क्षेत्र में पिछले 9 वर्ष में भारत ने अनेक उपलब्धियां अर्जित की हैं। बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकसित करने से भारत के रेलवे की नयी छवि उभरकर आएगी।

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