हुक्का, बार और तंबाकू प्रोडक्ट के विज्ञापन भी प्रतिबंधित
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभ का पांच दिवसीय मानसून सत्र बुधवार को दूसरे दिन ही समाप्त हो गया। बुधवार सुबह प्रश्नकाल के बाद सून्यकाल में कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने गर्भगृह में एकत्रित होकर आदिवासी अत्याचार पर चर्चा कराए जाने की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सभी कांग्रेस विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर जाकर बोलने के लिए कला, लेकिन हंगामा जारी रहा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दस मिनट बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायक सतपुड़ा भवन में लगी आग और महाकाल महालोक में हुए कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चर्चा कराए जाने की मांग करने लगे। वहीं कांग्रेस के आदिवासी विधायकों के साथ अन्य विधायक भी आदिवासी अत्याचार सहित भ्रष्टाचार और सतपुड़ा भवन की आग पर चर्चा कराने के लिए हंगामा करने लगे।
चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम द्वारा समय निर्धारित नहीं किए जाने से नाराज कांग्रेस विधायक गर्भगृह के पास जाकर बैठ गए। इस बीच सदन ने शोरगुल और हंगामे के बीच वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 26 हजार 816 करोड़ 63 लाख 87 हजार रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। हुक्का बार और तंबाकू से बने उत्पाद के विज्ञापन पर प्रतिबंध के लिए संशोधित विधेयक और अनुपूरक बजट सहित अन्य विधेयक सदन में पारित हो गए।
अनुपूरक बजट और विधेयक सदन में पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि दो दिन चली विधानसभा में करीब चार घंटे भी पूरा कामकाज नहीं हो सका है।
Supplementary budget passed amid ruckus, assembly adjourned sine die.