सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को फि ल्म ‘द केरला स्टोरी की रिलीज पर रोक लगाने के लिए प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिविक्ता निजाम पाशा ने याचिका में न्यायमूर्ति के एम जोसफ एवं न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ को बताया कि ये फि ल्म समाज में नफ रत फैलाने का काम करेगी और विशुद्ध तौर पर ऑडियो विजुअल दुष्प्रचार है। उन्होंने कोर्ट में बताया कि फि ल्म के ट्रेलर को एक करोड़ 60 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। यह फि ल्म शुक्रवार 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इस बीच, सेंट्रल बोर्ड ऑफ फि ल्म सर्टिफि केशन ने फि ल्म के कुछ दृश्यों पर कैंची चलाई है। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, बोर्ड ने इस फिल्म में 10 कट लगाए हैं और फिल्म को ‘ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज होने की अनुमति दे दी है।
लव जिहाद के चंगुल में फं साने के बाद धर्म परिवर्तन :
हाल ही में 26 अप्रैल को सुदीप्तो सेन की फि ल्म द केरल स्टोरी का रोंगटे खड़े कर देने वाला ट्रेलर रिलीज हुआ था। इस फिल्म में उन पीडि़त लड़कियों की कहानी दिखाई गई है जिनको लव जिहाद के चंगुल में फं साने के बाद उनका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना दिया गया। इस फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन हैं। जब से फि ल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ है, तब से इसपर विवाद चल रहा है। सत्तासीन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रं ट-कांग्रेस इस पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
हेट स्पीच भी कई प्रकार के होते हैं :
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने टिप्पणी में कहा, हेट स्पीच भी कई प्रकार के होते हैं। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिली है। अगर आपको इस फिल्म की रिलीज को चुनौती देनी है, तो आपको सेंसर बोर्ड के उस सर्टिफिकेट को चुनौती देनी होगी और वह भी उचित माध्यम से। एडवोकेट सिब्बल ने कहा कि फि ल्म की रिलीज को रोकने के लिए जो भी जरूरी काम होगा, वो सब किया जाएगा। न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले उच्च न्यायालय जाना चाहिए। सब चीज सुप्रीम कोर्ट से नहीं शुरू हो सकती हैं। 5 मई को रिलीज होने वाली अदा शर्मा अभिनीत फि ल्म में दावा किया गया है कि लगभग 32,000 महिलाएं केरल से लापता हो गई हैं, जिन्हें ब्रेनवाश और धर्म परिवर्तित किए जाने के बाद विदेशों में चल रहे आतंकी मिशनों के लिए भेज दिया गया।