नवरात्रि में मातारानी के इन शक्तिपीठों को लेकर है खास मान्यताएं, जाने इनकी रोचक कहानियां

हिंगलाज भवानी

गलाज माता मन्दिर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त के हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिन्दू देवी सती को समर्पित इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ इस देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहते हैं।

शाकम्भरी देवी, सहारनपुर

शक्तिपीठ शाकुम्भरी, जिसका मतलब शक्ति देवी शाकुम्भरी का निवास है, उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में सहारनपुर के उत्तर में 40 किलोमीटर की दूरी पर जसमोर गांव के क्षेत्र में स्थित है।

विंध्यवासिनी शक्तिपीठ

‘भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति हैं। विन्ध्याचल सदा से उनका निवास-स्थान रहा है। जगदम्बा की नित्य उपस्थिति ने विंध्यगिरिको जाग्रत शक्तिपीठ बना दिया है।

चामुण्डा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

चामुंडा देवी मंदिर कांगड़ा ज़िला, हिमाचल प्रदेश के शानदार हिल स्टेशन पालमपुर में स्थित है। इस मंदिर को देवी के शक्तिपीठों में गिना जाता है। बानेर नदी के तट पर बसा यह मंदिर महाकाली को समर्पित है।

ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश

ज्वालामुखी मंदिर, भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किमी की दूरी पर स्थित है। हिन्दू देवी माँ ज्वालामुखी को समर्पित इस मंदिर को ‘जोता वाली का मंदिर’ और ‘नगरकोट’ के नाम से भी जाता है।

छिन्नमस्तिका पीठ, रजरप्पा

रजरप्पा में छिन्नमस्तिका देवी का मंदिर स्थित है. ये मंदिर शक्तिपीठ के रूप में काफी विख्यात है. असम में स्थित मां कामाख्या मंदिर को दुनिया की सबसे बड़ी शक्तिपीठ कहा जाता है।