इस बदलते प्रदूषित मौसम में इस तरह रखें अपनी सेहत का ध्यान, इन 5 चाय को जरूर बनाए

इस बदलते मौसम में मरीजों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए ताकि क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही उनकी सेहत के लिए घातक होती है।

इसे बनाने के लिए सबसे पहले पैन में एक गिलास पानी और एक चौथाई कप सूखे कैमोमाइल के फूल डालकर उबालें और जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद करके चाय को छानकर कप में डालें।

हल्दी की चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुणों के साथ-सात करक्यूमिन नामक खास तत्व होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ावा देकर वायरल संक्रमण से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

ग्रीन टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले में होने वाली समस्याओं को दूर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक हो सकते हैं।

अगर आपको गले में खराश और खांसी हो तो इन समस्याओं को दूर करने में पुदीने की चाय मदद कर सकती है क्योंकि इसमें मौजूद गुण और इसकी सुगंध गले को आराम दे सकते हैं।

मुलेठी की चाय

अगर आपको गले में खराश और खांसी हो तो इन समस्याओं को दूर करने में पुदीने की चाय मदद कर सकती है क्योंकि इसमें मौजूद गुण और इसकी सुगंध गले को आराम दे सकते हैं।