देश में माता रानी के स्थित है ऐसे दिव्य शक्तिपीठ, जहाँ देखने को मिलते है माता के अद्भुत स्वरुप

भ्रामरी, त्रिस्रोता

पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के बोडा मंडल के सालबादी ग्राम स्थित त्रिस्रोत स्थान पर माता का दायां पैर गिरा था। इसकी शक्ति है भ्रामरी और शिव को अंदर और भैरवेश्वर कहते हैं।

नार्तियांग दुर्गा मन्दिर, जयंती

नार्तियांग दुर्गा मन्दिर भारत के मेघालय राज्य के पश्चिम जयन्तिया हिल्स ज़िले में स्थित एक 600 वर्ष पुराना हिन्दू मन्दिर है। दुर्गा को समर्पित, यह 51 शक्तिपीठ में से एक है।

भूतधात्री‌, युगाद्या

बंगाल में वर्धमान जिले से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर जुगाड्‍या नामक स्थान पर माता सती का शक्तिपीठ मंदिर स्थित है। इस स्थान में आदिशक्ति माता सती के दाहिने चरण का अँगूठा आ गिरा था।

श्री भगवती अम्मन मंदिर, कन्याकुमारी

कन्याकुमारी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सती के शव का दाहिना कंधा और (पीठ) रीढ़ का क्षेत्र यहां गिरा था, जिससे इस क्षेत्र में कुंडलिनी शक्ति की उपस्थिति हुई।

भद्रकाली मंदिर, कुरुक्षेत्र

शक्तिपीठ श्री देविकूप भद्रकाली मंदिर को “सावित्री पीठ”, “देवी पीठ”, “कालिका पीठ” या “आदी पीठ” भी कहा जाता है।ऐसा माना जाता है कि कुरुक्षेत्र में शक्तिपीठ श्री देविकूप भद्रकाली मंदिर में माता सती के दाहिने घुटने गिर गए।