अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं रहा, जब देश भर में रामलला के जयकारी गूंजेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया है कि राम मंदिर के अनुष्ठान का कार्यक्रम अयोध्या में 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इस दौरान करीब 5 हजार संत-महात्मा और कला, शिक्षा जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले करीब 5 हजार लोग भी उपस्थित होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अगले दो दिन तक उत्सव मनाया जाएगा। चौपाल के अनुसार प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण देश के 5 लाख गांवों तक जाना है। इसके लिए देश के 50 प्रमुख केंद्रों से नवंबर में लोगों को अयोध्या बुलाया गया है। ये लोग अयोध्या से ‘अक्षत’ लेकर इन केंद्रों तक जाएंगे। इन्हीं केंद्रों से प्राण-प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण के रूप में अक्षत 5 लाख गाँवों में वितरित किया जाएगा।
22 जनवरी को इन गांवों में लोगों को अपने देवस्थल में एकत्र होने को कहा जाएगा। वहाँ वे एक साथ प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लाइव देख सकेंगे। बता दें, बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके कामेश्वर चौपाल विश्व हिंदू परिषद (दक्षिण बिहार) के प्रांतीय अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने ही अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के नींव की पहली ईंट 9 नवंबर 1989 को रखी थी। 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया था तो उन्हें भी इसमें जगह दी गई थी।
कार सेवकों को कराया जाएगा विशेष दर्शन
चौपाल ने बताया कि 1984 में राम जन्मभूमि पर मंदिर के लिए आंदोलन का शंखनाद होने के बाद से 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक, देश भर के जिन-जिन लोगों ने इस संघर्ष में भाग लिया है, उनको विशेष तौर पर मंदिर में दर्शन कराया जाएगा। देश के अलग-अलग हिस्सों से अलग-अलग तिथि पर कारसेवकों को निमंत्रित कर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उन्हें दर्शन कराएगा। इसी कड़ी में नेपाल और उत्तर बिहार के कारसेवकों को 2 फरवरी तो दक्षिण बिहार और झारखंड के कारसेवकों को 3 फरवरी को दर्शन करवाया जाएगा।