Home » मध्य प्रदेश चुनाव में निर्णायक प्रभाव डालेंगी महिला मतदाता 

मध्य प्रदेश चुनाव में निर्णायक प्रभाव डालेंगी महिला मतदाता 

सुदेश गौड़। संसद का विशेष अल्पकालिक सत्र बुलाकर भाजपा ने जिस तरह से नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लगभग सबके समर्थन से पारित कराकर जो इतिहास रचा है, उससे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिलने वाले संभावित फायदे को लेकर भाजपा काफी आशान्वित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि मैंने अपने स्तर पर प्रदेश में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव से पहले ही शिवराज सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए महिला आरक्षण में वृद्धि का ऐलान कर दिया है। अब सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण मिलेगा इसके लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम 1997 में संशोधन भी कर दिया गया है। आगामी चुनाव के बाद मंत्रिमंडल गठन में भी उनका यथोचित आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। उधर केंद्र सरकार ने भी एक और बड़ा फैसला लेते हुए निर्णय किया है कि बहनों को अब ₹603 में  उज्ज्वला का रसोई गैस सिलेंडर मिला करेगा।

प्रदेश के पुरुष मतदाता अक्सर दबी जुबान से यह कहते सुने गए हैं कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ज्यादा ख्याल रखा है और उन्हें ज्यादा सुविधाएं भी मुहैया कराई हैं। प्रदेश में 10 जून 2023 से लागू की गई लाडली बहना योजना दिन प्रतिदिन लोकप्रियता पकड़ती जा रही है। प्रदेश में 2 करोड़ 60 लाख महिला मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में भाजपा ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं। इस योजना के तहत लगभग एक करोड़ 32 लाख महिलाओं को 1250 रुपए प्रति माह नगद दिया जा रहा है। इस योजना की शुरुआत ₹1000 प्रति माह से हुई थी जो अब 1250 रुपए तक पहुंच गई है। भाजपा का कहना है कि इस राशि को ₹3000 महीने तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है। महिलाओं को अपनी तरफ रिझाने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। जब शिवराज सिंह ने पहली बार लाडली बहन योजना की घोषणा की थी तब यह राशि ₹1000 प्रति माह निर्धारित की गई थी पर कांग्रेस की ओर से कमलनाथ ने घोषणा की कि चुनाव जीतने पर हम महिलाओं को ₹1500 प्रति माह देंगे। कांग्रेस की इस योजना की काट के तौर पर भाजपा ने इसे समय-समय पर ढाई सौ रुपए प्रति माह की वृद्धि के साथ कुल ₹3000 प्रति माह तक ले जाने का ऐलान कर दिया।

ये भी पढ़ें:  सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी बोले- सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल निकालना बड़ी उपलब्धि

इसी के साथ कांग्रेस ने महिलाओं को ₹500 में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की बात कही तो मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के घोषणा की हवा निकालने के लिए 94 लाख महिलाओं को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देने की घोषणा पर भी अमल चालू कर दिया है।पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि महिला वोट प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को उन विधानसभा क्षेत्रों में फायदा मिल सकता है जहां हर जीत का अंतर कुछ हजार वोटों के बीच होता है।

मध्य प्रदेश विधानसभा के पिछले चुनावों पर नजर डालें तो 2003 के चुनाव में 1972 पुरुष प्रत्याशियों के बीच मात्र 199 महिलाएं प्रत्याशी थीं। यह संख्या 2008, 2013 और 2018 के चुनाव में बढ़कर क्रमशः 221, 200 और 250 हो गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार थर्ड जेंडर की भी पांच प्रत्याशी मैदान में उतरी थीं।

ये भी पढ़ें:  4 दिसंबर तक तमिलनाडु तट को पार करेगा चक्रवात मिचौंग, येलो अलर्ट जारी, पुडुचेरी, कराईकल और यानम में स्कूल बंद

2018 के विधानसभा चुनाव के बाद गठित मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा में कुल 21 महिला विधायक हैं। इनमें भाजपा की 14, कांग्रेस की 6 और बसपा की एक महिला विधायक है जबकि 2013 में गठित 14वीं विधानसभा में 32 महिला विधायक थीं। महिला आरक्षण बिल संसद में पारित होने के पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने हारी हुई 39 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की जो सूची जारी की थी उनमें मात्र चार महिला प्रत्याशी ही थी यानी लगभग 10 प्रतिशत। महिला आरक्षण बिल पारित होने के बाद की परिस्थितियों में विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाएंगी। भाजपा में तो इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रवक्ता गोविंद मालू कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए दृढ़ संकल्पित है। चुनाव जीतने वाली महिला प्रत्याशियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। महिला आरक्षण बिल पारित हो जाने के बाद से सभी दलों की महिला नेत्रियों में उत्साह और उमंग का माहौल देखा जा सकता है।

ये भी पढ़ें:  गृहमंत्री अमित शाह ने धर्मपत्नी के साथ सोमनाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना, माटी कला महोत्सव में हुए शामिल

मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार की महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय होने की एक वजह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सरल सहज व्यवहार और मामा की छवि है। वे प्रदेश की महिलाओं को बहन और लड़के-लड़कियों को भांजे-भांजियों से ही संबोधित करते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी व प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार द्वारा महिलाओं के हाथ में लिए गए फैसले भी भाजपा की लोकप्रियता बढ़ाने में मददगार रहे हैं। महिलाओं को रसोई घर में धुएं से राहत देने के लिए लाई गई उज्जवला योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, आयुष्मान कार्ड और मुख्यमंत्री लाडली बहन आवास योजना ने भी महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना नारी सम्मान योजना मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, बालिका समृद्धि योजना आदि भी महिलाओं के बीच चर्चा का बिंदु बनी हुई हैं। इसी के साथ तीन तलाक जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर मुस्लिम महिलाओं का भी अतिरिक्त समर्थन मिलने की आशा की जा सकती है। भाजपा का प्रयास है कि यह चुनाव जितना महिला केंद्रित होगा उतना ही उसे फायदा मिलेगा।

Related News

Swadesh Bhopal group of newspapers has its editions from Bhopal, Raipur, Bilaspur, Jabalpur and Sagar in madhya pradesh (India). Swadesh.in is news portal and web TV.

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed by Sortd