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डेश-बोर्ड में सारी सूचनाएं होने पर प्रकरण निराकरण में होगी आसानी : जस्टिस आर्या

प्रशासन अकादमी में हुई म.प्र. उच्च न्यायालय की कम्प्यूटर एवं ई-कोर्ट कमेटी की बैठक हुई

भोपाल। सभी लोगों को आसानी से और शीघ्र न्याय दिलाने में तकनीकी का समन्वय से अधिकतम उपयोग करें। डेश-बोर्ड में सभी विभागों की सारी आवश्यक सूचनाएं होने पर प्रकरण निराकरण में आसानी होगी और जनता को त्वरित न्याय मिल सकेगा। पुलिस बल में विवेचना अधिकारियों को टेबलेट दिये जाने की कार्यवाही शीघ्रता से करें। यह निर्देश म.प्र. की उच्च न्यायालय की कम्प्यूटर एवं ई-कोर्ट कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रोहित आर्या ने दिए।

राजधानी स्थित प्रशासन अकादमी में शनिवार को म.प्र. उच्च न्यायालय की कम्प्यूटर एवं ई-कोर्ट कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में अध्यक्ष जस्टिस रोहित आर्या और सदस्य जस्टिस विशाल धगट द्वारा स्टेक होल्डर्स के साथ पूर्व में जारी निदेर्शो के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इसके साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव विधि विनोद द्विवेदी, प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर उच्च न्यायालय जबलपुर फ साहत हुसैन काजी और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

हर कार्य के लिये जनता को कोर्ट तक आने की जरूरत नहीं रहेगी

जस्टिस आर्या ने सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाइन अनुसार ई-कोर्ट के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सभी के समन्वय से आवश्यक कार्यवाही यथाशीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि समन्वय में दिक्कत आने पर ई-कोर्ट कमेटी को अवगत कराया जाए, जिससे कि समस्या का तेजी से समाधान किया जा सकें। जस्टिस आर्या ने कहा कि ई-कोर्ट प्रणाली के सशक्तिकरण से हर कार्य के लिये जनता को कोर्ट तक आने की जरूरत नहीं रहेगी। मेडलेपार सॉफ्टवेयर को इंटर आपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के 6वें स्तम्भ की तरह विकसित किया जाए।

हिन्दी में करें अधिक से अधिक कार्य

जस्टिस आर्या ने प्रदेश के ई-सेवा केन्द्रों के संचालन कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हिन्दी में अधिक से अधिक कार्य किया जाएं। बैठक में निर्देशित किया गया कि प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने से पहले संबंधित विभाग सक्षम विभागीय समितियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करें। वित्त विभाग को सुप्रीम कोटज़् के चीफ जस्टिस के निर्देंशानुसार ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के सशक्तिकरण के लिये सभी आवश्यक कार्यवाही समय पर करने को कहा गया जिससे विलंब से बचा जा सकें। न्यायिक अधिकारियों ने आईसीजेएस की खूबियों से अवगत कराते हुए इसे सशक्त और प्रभावी बनाने की टिप्स दी।

15 हजार 759 ग्राम पंचायतों में ई-सेवा केन्द्र

अपर मुख्य सचिव पंचायत मलय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में 15 हजार 759 ग्राम पंचायतों में ई-सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं। शेष 6 हजार 674 ग्राम पंचायतों में ई-सेवा केन्द्र स्थापित करने का कार्य आगामी 2 से ढाई माह में पूर्ण हो जाएगा। इसके लिये प्रशिक्षण की कार्यवाही पूरी हो गई है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 1199 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है, जिनमें से 533 में पोस्ट-मार्टम किये जाने की व्यवस्था है। शेष 32 के लिए प्रबंध किये जा रहे हैं। ई-कोर्ट प्रणाली के लिए 60 साइंटिस्ट, 45 लेब असिस्टेंट और 60 डाटा एंट्री ऑपरेटर की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है।

समाधान आपके द्वार’ से जल्द हो रहे फैसले

जस्टिस आर्या ने कहा कि ग्वालियर जोन में ‘समाधान आपके द्वार’ कार्यक्रम से त्वरित फैसले हो रहे हैं। राजस्व, बिजली, वन, पुलिस इत्यादि विभागों की शिकायतों का निराकरण कर फैसले किए जा रहे हैं। पहले केम्प में 5 हजार प्रकरण, दूसरे में 10 हजार और तीसरे केम्प में 38 हजार प्रकरण आए जिनका निराकरण किया गया। आगामी 5 अगस्त को जबलपुर जोन में 10 जिलों के लिए ‘समाधन आपके द्वारÓ केम्प लगाया जाएगा।

With all the information in the dashboard, it will be easy to solve the case: Justice Arya.

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