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- भगोड़े अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को पुलिस असम लेकर पहुंची है।
- हरजीत के अलावा अमृतपाल के अन्य साथियों को भी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया है।
- अृमतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
चंडीगढ़/ नई दिल्ली । ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया और खालिस्तानी समर्थक भगोड़ा अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हालांकि, पुलिस ने अमृतपाल के कई साथियों पर अपना शिकंजा कसा है। पुलिस ने अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह के अलावा दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह को गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस की एक टीम हरप्रीत को असम के डिब्रूगढ़ सें पंजाब पुलिस ने हरजीत सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया। पुलिस ने सोमवार को हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था। हरजीत को विमान से असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल भेजा गया। एक दिन पहले अमृतपाल के चार सहयोगी भी वहीं भेजे गए थे।
23 मार्च तक इंटरनेट सेवाएं बंद
पंजाब सरकार ने कहा कि तरनतारन, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर अमृतसर के कुछ इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं, वॉयस कॉल को छोड़कर 23 मार्च दोपहर 12 बजे बंद रहेंगी। इसके अलावा कुछ शहरों में मंगलवार दोपहर 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं चालू कर दी जाएंगी। ऑपरेशन अमृतपाल को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य की जनता को संबोधित करेंगे।
अमृतपाल का आईएसआई कनेक्शन
आइजी (हेड क्वार्टर) डा. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद उस पर भी एनएसए लगाया जा सकता है। उसके लिए छापेमारी की जा रही है। गिल ने कहा कि अब तक की जांच में अमृतपाल के आईएसआई कनेक्शन सामने आया है। अमृतपाल और उसके साथियों को विदेश से फंडिग हो रही थी। हवाला के जरिए भी पैसा उन तक पहुंचाया गया।
अभी तक 114 आरोपी गिरफ्तार
अमृतपाल के 114 सहयोगियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके खिलाफ विभिन्न थानों में छह केस दर्ज किए गए हैं। आरोपियों से पुलिस ने नौ राइफल, एक रिवाल्वर और 430 कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा मर्सिडीज सहित चार वाहन जब्त किए गए हैं।