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- अमेरिकी सांसदों ने भारत में निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोच्चि का भी दौरा किया।
- अमेरिकी सांसदों ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का भी दौरा किया।
मुंबई, अमेरिकी के दो सांसदों वाले प्रतिनिधिमंडल ने बीती 11 अगस्त को भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमांड के मुंबई स्थित मुख्यालय का दौरा किया। जिन सांसदों ने नौसेना की पश्चिमी कमांड के मुख्यालय का दौरा किया, उनमें अमेरिकी सांसद रोहित खन्ना और डेबराह रॉस शामिल थीं। नौसेना मुख्यालय के दौरे के दौरान अमेरिकी सांसदों के साथ गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी डॉ. विक्रम कृष्णमूर्ति भी साथ रहे।
वाइस एडमिरल संजय भल्ला से की मुलाकात
अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी नेवल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल संजय भल्ला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को नौसेना की पश्चिमी कमांड की भूमिका और उसके कामकाज के बारे में जानकारी दी गई। अमेरिकी सांसदों ने भारत में निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोच्चि का भी दौरा किया। अमेरिकी सांसदों ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का भी दौरा किया।
भारत-अमेरिका में बढ़ा सहयोग
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच हर साल समुद्री सुरक्षा को लेकर बातचीत होती है और बीते दो दशकों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी मजबूत हुए हैं। अमेरिकी नौसेना और भारतीय नौसेनाओं के बीच भी सहयोग बढ़ रहा है। इसके तहत बहुपक्षीय युद्धाभ्यास जैसे मालाबार युद्धाभ्यास आदि होते हैं। साथ ही उच्च स्तरीय अधिकारियों का भी एक दूसरे के यहां आना जाना होता रहता है। अमेरिकी सांसदों के ताजा दौरे को भी उसी नजरिए से देखा जा रहा है।
‘चीन को भारत की सीमाओं का सम्मान करना चाहिए’
मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने कहा कि यह बेहद अहम है कि हम भारत की संप्रभुता को बनाए रखें…चीन को भारत की सीमाओं का सम्मान करना चाहिए और यही वजह है, जिसके लिए हम भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमांड मुख्यालय गए थे। हम अमेरिकी नौसेना के साथ भी मिलकर काम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अरब सागर आवाजाही के लिए पूरी तरह से मुक्त रहे। साथ ही हिंद महासागर भी मुक्त रहे और इसके लिए लगातार संबंध मजबूत किए जा रहे हैं। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले की घटना पर रो खन्ना ने कहा कि ‘यह समझ से परे था, ऐसी चीजों के लिए कोई जगह नहीं है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और किसी भी दूतावास के खिलाफ हिंसा नहीं होनी चाहिए। अलगाववाद के लिए कोई जगह नहीं है। पंजाब, भारत का हिस्सा है, यह तय हो चुका है।’